Best Speech For Constitution Day In Hindi:  भारत (India) देश के लिए 26 नवंबर का दिन काफी अहम दिन है. क्योंकि यही वह दिन है जिस दिन भारत ने अपने संविधान (Constitution) को अपनाया था. आपको बता दें कि सन् 1946 में संविधान बनाने के लिए संविधान सभा (Samvidhan Sabha ) का गठन किया गया और वहीं इसके निर्माण में पूरे 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा. आपको बता दें कि 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान (Constitution Of India) बनकर तैयार हो गया था और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया गया. बता दें कि 26 नवंबर के अवसर पर कई सरकारी संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों (Cultural Events)का आयोजन कराया जाता है. ऐसे में अगर आप भी अगर भाषण ( Constitution Day Bhashan) देने का प्लान कर रहे हैं, तो आज हम आपको एक दमदार स्पीच का नमूना देने जा रहे हैं, जिसकी मदद लेकर आप एक शानदार भाषण देकर सभी का दिल जीत सकते हैं.

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यहां उपस्थित प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों किसी भी देश का संचालन बिना संविधान के कर पाना बहुत ही मुश्किल है. क्योंकि बिना संविधान के देश का शासन और सरकार कैसे चल सकेगी? सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा कैसी होगी? किस पद की नियुक्ति कैसे की जाएगी और उसकी कार्यप्रणाली का निर्धारण कैसे होगा. इसके साथ ही देश के नागरिकों के क्या अधिकार और कर्तव्य होंगे एवं इनकी रक्षा कैसे होगी? कानून क्या होगा? एक देश को चलाने के लिए ये सभी बातें संविधान में ही निहित होती हैं. ऐसे में बगैर संविधान के सब अस्त व्यस्त रहेगा और हालात बद से बद्तर हो जाएंगे.

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जैसा कि आप सभी जानते हैं क लंबे समय तक गुलामी के बाद जब भारत आजाद हुआ, तब उसके पास अपना संविधान नहीं था. ऐसे में उस वक्त सबसे पहले संविधान बनाने की चुनौती थी. इसके लिए 1946 में एक संविधान सभा का गठन किया गया. जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे. संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे. यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया.

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आज संविधान दिवस के शुभ अवसर पर बाबा साहेब अंबेडकर को हमें जरूर याद करना चाहिए. क्योंकि संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर ही थे. इसलिए उन्हें संविधान निर्माता भी कहा जाता है. संविधान निर्माण में बाबा डॉ भीमराव अंबेडकर की अहम भूमिका रही है. संविधान की ही बदौलत हम स्वतंत्र देश के नागरिक होने का एहसास कर पाते हैं. जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमारी रक्षा करने के साथ साथ हमें हमारा हक दिलाते हैं. वहीं इसके साथ ही हमारे मौलिक कर्तव्य हमे हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराते हैं. आपको बता दें कि साल 2015 में भारत सरकार की तरफ से 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. इसके बाद आप सभी लोगों को एक बार फिर से बधाई देकर अपनी वाणी को विराम दे सकते हैं.