कांग्रेस के पूर्व नेता व जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के करीबी जीएम सरूरी ने बताया कि आजाद अपनी खुद की पार्टी शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इसकी पहली यूनिट आने वाले दो हफ्तों के अंदर जम्मू-कश्मीर में लॉन्च की जाएगी.
जीएम सरूरी ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर की 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति की बहाली पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा होगी.
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गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के कई कांग्रेस नेताओं ने भी पार्टी की मूल सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. सरूरी ने कहा कि आजाद वैचारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष हैं और बीजेपी के इशारे पर काम करने का कोई सवाल ही नहीं बनता.
कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे रिश्ते को खत्म करते हुए गुलाम नबी आजाद ने यह भी दावा किया कि उनके साथ सैकड़ों वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, पंचायती राज संस्था के सदस्यों और प्रमुख कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. शुक्रवार 26 अगस्त को अपने इस्तीफे के कुछ घंटों बाद आजाद ने कहा था कि वह जल्द ही एक नई पार्टी शुरू करेंगे और इसकी पहली इकाई जम्मू-कश्मीर में स्थापित की जाएगी.
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सोनिया गांधी को इस्तीफे वाली चिट्ठी में क्या लिखा
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को 5 पन्ने की इस्तीफे की चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कई चीजों पर सवाल उठाया. आजाद ने पिछले कुछ सालों की बात भी कही जिसमें राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया. सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी.
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गुलाम नबी आजाद ने पत्र में लिखा है कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला ‘रिमोट कंट्रोल मॉडल’ अब कांग्रेस पार्टी में भी लागू हो गया है. सारे अहम फैसले राहुल गांधी या और भी बदतर उनके सुरक्षा गार्ड और पर्सनल असिस्टेंट द्वारा लिए जा रहे हैं.