भगवान गणेश बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी के प्रिय हैं. 10 सितंबर शुक्रवार को गणेश चतुर्थी की धूम हर ओर नजर आ रही है. इसी दिन भक्त अपने घर बड़े ही धूम-धाम से गणेश जी को लेकर आते हैं. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन चांद को नहीं देखा जाता है क्योंकि ऐसा करने पर कलंक लगता है.

अगर आपने गलती से चांद को देख लिया तो उसके कलंक से बचने के लिए आपको दूसरे घर की छत पर 5 पत्थर फेंकना होते हैं. इसके बाद कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? तो आइए इसके बारे में जानते हैं.

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जाने इसके पीछे की पौराणिक कथा

कई हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान गणेश एक दिन प्रसन्न होकर बड़े ही प्यार से अपनी पसंदीदा मिठाई खा रहे थे. वहीं उनके बगल से चंद्रदेव गुजरे, जिसके बाद च्रंद देव ने भगवान गणेश के पेट और उनके हाथी के सूंड जैसे मुख के लिए उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. इसके साथ ही अपनी सुंदरता पर घमंड करते हुए उन्होंने भगवान गणेश का निरादर भी किया.

जिसके बाद भगवान गणेश ने नाराज होकर उन्हें श्राप दे दिया कि हे चंद्रदेव तुम अपना रूप खो दोगे. तुम्हारी सारी कलाएं नष्ट हो जाएंगी और जो भी तुम्हारे दर्शन करेगा, उसे कलंकित होना पड़ेगा. सिर्फ इतना ही नहीं उसे झूठे आरोपों का सामना भी करना पड़ेगा.

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जब भगवान गणेश ने उन्हें श्राप दिया तो चंद्रदेव को अपनी गलती समझ आ गई. उन्होंने भगवान गणेश जी ने निवेदन करना शुरू कर दिया. अपनी इस भूल के खूब माफी भी मांगी. तब गणेश भगवान ने उन्हें माफ कर दिया इसके साथ ही सभी देवी देवताओं ने मिलकर भगवान गणेश से चंद्रदेव से श्राप वापस लेने का वरदान मांगा.

फिर भगवान गणेश ने कहा कि में श्राप को वापस तो नहीं ले सकता, लेकिन इसे सीमित जरूर कर देता हूं. गणपति ने कहा कि चंद्रमा की कलाएं माह के 15 दिन घटना शुरू होगी और 15 दिन में बढ़ना शुरू होंगी. इसके साथ ही सिर्फ चतुर्थी के दिन ही कोई चंद्र देव को देखकर कलंकित हो जाएगा.

यही वो कारण है कि चतुर्थी के दिन चांद को भूलकर भी नहीं देखना चाहिए और अगर गलती से देख भी ले तो कलंकित होने से बचने के लिए 5 पत्थर किसी दूसरे की छत पर फेंकने जरूरी होता है.

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