रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के सूत्रों ने बताया कि भारत ने बुधवार को ओडिशा के बालासोर से कम दूरी की सतह से सतह निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ (Pralay missile) का सफल परीक्षण किया. ये मिसाइल 350 से 500 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के टारगेट को ध्वस्त कर सकती है. यानी सीमा के पास से दागने पर यह दुश्मन के बंकरों, तोपों, बेस आदि को खत्म करने का माद्दा रखती है.
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रक्षा अनुसंधान विकास संगठन ने इस मिसाइल को विकसित किया है. मिसाइल में सॉलिड प्रोपेलेंट फ्यूल है. ये मिसाइल भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पृथ्वी मिसाइल प्रणाली पर आधारित है.
सूत्रों ने बताया कि एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुबह करीब साढ़े दस बजे मिसाइल को लॉन्च किया गया. मिसाइल पहले से निर्धारित सभी मानकों पर खरी उतरी.
‘प्रलय’ 350-500 किमी कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है. ‘प्रलय’ सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल है. उन्नत मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम होने के लिए विकसित किया गया है. यह हवा में एक निश्चित सीमा को कवर करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है.
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इससे पहले नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि पी’ (Agni P) का सफल परीक्षण किया गया था. दो हजार किलोमीटर तक की मार करने में सक्षम इस नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के बालासोर में किया गया. इस मिसाइल को भी DRDO के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है.
DRDO ने अग्नि-प्राइम को अग्नि-1 और अग्नि-2 सीरिज की मिसाइल से ज्यादा उन्नत तैयार किया है. भले ही इसकी रेंज कम हो लेकिन इसमें तकनीक अग्नि-5 की इस्तेमाल की गई है. यही वजह है कि ये दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी चकमा देने में कामयाब हो सकती है. इस मिसाइल को भारत ने पाकिस्तान की कम दूरी की परमाणु मिसाइलों के मुकाबले तैयार किया है.
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