राजस्थान सरकार ने आठ
रुपये में भोजन की थाली उपलब्ध कराने की अपनी महत्वाकांक्षी इंदिरा रसोई योजना की गुरुवार
 से शुरुआत की. योजना पर सालाना 100 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए इस योजना की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि इन्दिरा
रसोई योजना प्रदेश की एक ऐसी अनूठी योजना है जिसमें शहरी गरीब परिवारों को पौष्टिक
भोजन रियायती दर पर मिलेगा.

गहलोत ने कहा कि योजना का
मुख्य ध्येय यह है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए व योजना का लाभ प्रदेश
के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे तथा उसे सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध हो सके. गहलोत ने कहा कि इस योजना
की शुरुआत शहरी इलाकों से की जा रही है लेकिन अगर जरूरत हुई और स्वयंसेवी संस्थाएं
आगे आईं तो राज्य के कस्बों व गांवों में भी इस योजना का विस्तार किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

स्वायत्त शासन मंत्री
शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने इस साल मार्च में बजट में यह घोषणा
की थी कि राज्य में कोई भी भूखा न सोए इसके लिए एक योजना बनायी जायेगी. आज देश के
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 76वीं जयंती के अवसर पर राज्य सरकार की बहुआयामी महत्वाकांक्षी इन्दिरा रसोई
योजना शुरू की जा रही है. उन्होंने बताया कि इन्दिरा रसोई योजना में एक लाभार्थी को 8 रुपये में शुद्ध व ताजा भोजन करवाया जाएगा. एक
थाली पर कुल व्यय 20 रुपए आएगा जिसमें राज्य
सरकार 12 रुपए देगी.

राज्य के 213 नगर निकाय क्षेत्रों में 358 इन्दिरा रसोई संचालित होंगी. योजना के तहत
प्रतिदिन 1.34 लाख व्यक्ति तथा प्रति
वर्ष 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित
किए जाने का लक्ष्य है. योजना पर प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रूपये व्यय होने का अनुमान है.