हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बड़े भूस्खलन के मलबे में 40 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है. उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने इस बात की जानकारी दी. सादिक ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस समेत कई वाहन मलबे में दब गए हैं. खबर है कि 40 से अधिक यात्री मलबे की नीचे दबे हैं. 

पुलिस आयुक्त में बताया कि बस किन्नौर के रिकांग पियो से शिमला जा रही थी. किन्नौर के उपायुक्त ने कहा कि सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय बचाव दल को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया है. सादिक ने यह भी कहा कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं जिससे बचाव अभियान चलाने में समस्या आ रही है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किन्नौर जिले में रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर भूस्खलन के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया. गृह मंत्री ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए और स्थिति का जायज़ा लेने के लिए ITBP के महानिदेशक से भी बात की.

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राज्य में मॉनसून शुरू होने के बाद से इस साल हिमाचल प्रदेश में कई बादल फटने, भूस्खलन और अचानक बाढ़ के घटनाएं हुई हैं. 25 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के सांगला में वाहन पर पत्थर गिरने से नौ पर्यटकों की मौत हो गई थी. इस घटना का वीडियो ANI ने शेयर किया था, जोकि बहुत ही भयावह था.

12 जुलाई को हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला में अचानक आई बाढ़ से दुकानें, वाहन और पेड़ बह गए थे. धर्मशाला के भागसू नाग में बादल फटने से बाढ़ आ गई थी. सोशल मीडिया पर बाढ़ में उफान पर पहुंची मांझी नदी के पहाड़ियों से नीचे गिरने के दृश्य वायरल हो रहे थे.

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