Earthquake in Delhi; नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि नए साल के पहले दिन रविवार सुबह हरियाणा के झज्जर में 3.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इससे दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. किसी के घायल होने या नुकसान की कोई सूचना नहीं थी.
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1 जनवरी की रात करीब 1.19 बजे 3.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में था. इसी गहराई जमीन में 5 किलोमीटर अंदर थी. इससे पहले 12 नवंबर को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
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नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, 12 नवंबर को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.4 थी जो नेपाल में शाम करीब 7:57 बजे आई थी. NCS देश में भूकंप गतिविधि की निगरानी के लिए भारत सरकार की नोडल एजेंसी है.
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जानिए भूकंप क्यों आता है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से इन प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बन जाता है तो प्लेट्स टूट जाती हैं. इनके टूटने के चलते अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है. इसी डिस्टरबेंस के बाद भूकंप आता है.
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भूकंप की अधिकतम तीव्रता तय नहीं हो पाई है, परंतु रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना जाता है. इसी पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप को सूक्ष्म भूकंप कहते है जो ज्यादातर महसूस नहीं होता है. वहीं, 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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