फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का त्योहार मनाते हैं. उसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि के दिन रंगोत्सव मनाया जाता है. रंगों के इस उत्सव को उत्साह और प्रेम के साथ सभी मनाते हैं. वैसे तो होली का पर्व हिंदू धर्म में सर्वोपरी त्योहारों में एक है लेकिन इसे देश में हर कोई मनाता है. होली किस दिन खेली जाएगी और किस दिन होलिका दहन होगा इसको लेकर अगर आपके मन में कोई कंफ्यूजन है तो यहां हम आपकी असमंजसता दूर करेंगे.

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कब है होली का त्योहार?

होलिका दहन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि हो मनाया जाता है और ऐसे में इस साल पूर्णिमा 17 मार्च के दिन पड़ेगा. इस हिसाब से होलिका दहन 17 मार्च, 2022 को है. वहीं उसके अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली या जहां जैसी होली होती है उसे खेली जाएगी. होली का पर्व 18 मार्च, 2022 को पड़ेगा. पूर्णिमा तिथि 17 मार्च, 2022 दिन गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च, 2022 दिन शुक्रवार की दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च की रात 9 बजकर 20 मिनट से देर रात 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन की पूजा करके दुर्भाग्य और पीड़ा को भस्म कर दिया जाता है.

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हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल के दौरान करना चाहिए. भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. अगर ऐसा योग नहीं होता है तो भद्रा का समय खत्म होने के बाद होलिका दहन करते हैं. इस बात का ध्यान रहे कि भद्रा मुख में होलिका दहन वर्जित होता है. शास्त्रों के मुताबिक, भद्रा मुख में होलिका दहन करने से दहन करने वाले का बुरा होता ही है साथ ही उससे जुड़े लोगों का भी बुरा समय शुरू होता है.

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