AIIMS Update: अक्सर किसी भी बीमारी के मामले में इलाज के लिए एम्स (AIIMS) को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. मगर एम्स में इलाज (AIIMS Treatment) इतना आसान भी नहीं है. लेकिन अब आम लोगों की सहुलियत को देखते हुए कई नए नियम पारित किए गए हैं. जिससे लोगों को एम्स दिल्ली में इलाज कराने में काफी सहुलियत होगी. इसी क्रम में अब से गरीब या वंचित वर्ग के जिन मरीजों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, उनके लिए एम्स दिल्ली में अलग से काउंटर और केयोस्क की सुविधा सुबह 7 बजे से 10 बजे तक उपलब्ध होगी. इन काउंटर्स की मदद से मरीज को अपनी ABHA ID बनवाने में आसानी होगी. फिलहाल न्यू राजकुमारी अमृत कौर (RAK) ओपीडी से 21 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर इसकी शुरूआत हो रही है.

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अक्सर देखा जाता है कि मरीजों के पास आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) की उपलब्धता होने के बावजूद एम्स में रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी कतारों में घंटों समय गंवाना पड़ता है. दरअसल, मैनुअल एंट्री के लिए एम्स में पेशेंट की बड़ी संख्या है. इसके अलावा ABHA ID के इस्तेमाल के बावजूद रजिस्ट्रेशन के वक्त कई बार ओटीपी बताने में देरी होने या ओटीपी दोबारा भेजने की 3 बार की लिमिट खतम हो जाती है, जिसके चलते मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है.

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आभा आईडी के लाभ

आपको बता दें कि इस ओटीपी की समस्या को देखते हुए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) ने स्कैन एंड शेयर क्यूआर कोड की सुविधा की है, जो कि काफी सफल मानी जा रही है. इससे मरीजों का बहुत कम समय में ओपीडी में रजिस्ट्रेशन हो जाता है. इसके साथ ही आपको बता दें कि आभा आईडी के होने से मरीजों को काफी राहत मिलती है. इसलिए तय किया गया है कि एम्स में मरीजों को नये ओपीडी रजिस्ट्रेशन और फॉलोअप पेशेंट्स के लिए आभा आईडी को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके साथ ही ओपीडी में स्कैन और क्यूआर कोड शेयरिंग की सुविधा भी दी जाएगी, जिससे मरीजों को रजिस्ट्रेशन कराने में आसानी होगी.

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डिजीलॉकर वैलट में सेव होंगी पेशेंट की ऑल मेडिकल डिटेल्स

आभा आइडी के जरिये एम्स आने वाले सभी मरीजों के पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड एक ड‍िजिटल वैलट में रहेंगे. इसके चलते अस्पतालों में मरीजों को आसानी होगी. अपने क्यूआर कोड आधारित ABHA ID के जरिये मरीज सभी हेल्थ रिकॉर्ड डॉक्टर को आसानी से दिखा सकेंगे. ऐसे में डॉक्टर को भी पूरा केस समझने में और उसका इलाज करने में आसानी होगी. बता दें कि इस डिजिलॉकर वैलेट में पेशेंट के डॉक्टरों का पर्चा, लैब रिपोर्ट्स, डिस्चार्ज समरीज, वैक्सीनेशन रिकॉर्ड्स आदि शामिल होंगे.