नवरात्रि के मौके पर दिल्ली से कटरा के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को फिर से शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार वाली ट्रेनों में अब एसी कोच होंगे. हालांकि, रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डी. जे. नारायण ने कहा कि इस तरह की रेलगाड़ियों में टिकट की कीमत ‘‘वहनीय’’ होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे गलत तरीके से नहीं समझा जाना चाहिए कि ‘‘सभी गैर वातानुकूलित कोच को एसी कोच बनाया जाएगा.

वहीं, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने रविवार को कहा कि दिल्ली से कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन सेवा 15 अक्टूबर से फिर शुरू हो जाएगी. कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर स्थित है.

यह फैसला नवरात्रि से पहले जम्मू-कश्मीर के कटरा के लिये ट्रेन सेवा फिर से शुरू करने के संबंध में रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई चर्चा के बाद लिया गया है.

सिंह ने ट्वीट किया, ”दो दिन पहले रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल के साथ हुई चर्चा के बाद रेल मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से नयी दिल्ली से कटरा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा फिर से शुरू करने की घोषणा की है. नवरात्रि से पहले तीर्थयात्रियों के लिये बड़ी राहत और खुशी की खबर.”

रेलवे नेटवर्क के कुछ निश्चित मार्गों पर 130 किलोमीटर या इससे अधिक गति से चलने वाली रेलगाड़ियों में निकट भविष्य में केवल वातानुकूलित कोच होंगे. यह जानकारी रविवार को एक अधिकारी ने दी.

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डी. जे. नारायण ने कहा कि इस तरह की रेलगाड़ियों में टिकट की कीमत ‘‘वहनीय’’ होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे गलत तरीके से नहीं समझा जाना चाहिए कि ‘‘सभी गैर वातानुकूलित कोच को एसी कोच बनाया जाएगा.’’

वर्तमान में अधिकतर मार्गों पर मेल…एक्सप्रेस रेलगाड़ियां की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा या कम है.

राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी प्रीमियम रेलगाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं. अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की रेलगाड़ियों के कोच 130 किलोमीटर प्रति घंटा इससे अधिक गति पर चलने के लिए उपयुक्त हैं.

नारायण ने कहा, ‘‘जहां भी ट्रेन की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होने जा रही है, वहां एसी डिब्बे तकनीकी जरूरत बन गए हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘गैर वातानुकूलित कोच ऐसी रेलगाड़ियों में लगे रहेंगे, जो 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं.’’

नारायण ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परिवर्तित एसी कोच में टिकट की दर यात्रियों के लिए वहनीय हो, सुविधा और आराम कई गुना हो जाए और यात्रा के समय में काफी कटौती हो जाए.’’

मार्च में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लागू होने के बाद देश में ट्रेन सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई थी, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है. 

(इनपुट भाषा से भी)