दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को रोजगार पर फोकस के साथ आठवां वार्षिक बजट पेश किया. इसे ‘रोजगार बजट’ कहते हुए, सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसी योजनाएं लेकर आई है जो कोविड -19 महामारी के दौरान अपनी आजीविका खो चुके लोगों को रोजगार, भोजन और व्यापार में बढ़े हुए अवसर प्रदान करेंगी.

दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करते वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, “आज मैं अगले वित्त वर्ष के लिए रोजगार बजट पेश कर रहा हूं. इस बजट के माध्यम से हमारा लक्ष्य आर्थिक विकास के इंजन को फिर से शुरू करना है.” उन्होंने आगे कहा कि इस बजट से अगले 5 सालों में दिल्ली में 20 लाख नई नौकरियां पैदा होगी. 

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मनीष सिसोदिया ने कहा, “हमारी सरकार सत्ता में आने से पहले दिल्ली का बजट 30,940 करोड़ रुपये था और मैंने जून 2015 में 41,149 करोड़ रुपये का अपना पहला बजट पेश किया था. आज मुझे खुशी हो रही कि 2022-2023 के लिए मैं 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश कर रहा हूं.”

सिसोदिया ने कहा कि सरकार का लक्ष्य दिल्ली में रोजगार दर को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करना है. डिप्टी सीएम ने कहा, “वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी की कुल आबादी में से केवल 57 लाख लोग कार्यरत हैं. सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में इस संख्या को 75 लाख तक ले जाना है.”

वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट का आकार 69,000 करोड़ रुपये था. 2022-23 के लिए बजट आकार पिछले वर्ष की तुलना में 9.86 प्रतिशत अधिक है. आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का यह लगातार आठवां बजट है.

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 2.7 प्रतिशत अधिक है.

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