कांग्रेस ने कृषि संबंधी विधेयकों को मंजूरी मिलने के बाद रविवार को इन्हें किसानों के खिलाफ ‘मौत का फरमान’ करार दिया और दावा किया कि नियमों एवं संसदीय परंपराओं की अहवेलना करके इन विधेयकों को मंजूरी दिलाई गई. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि, जब अनाज मंडी खत्म हो जाएंगी तो किसान को MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कैसे और कहां मिलेगा.

इससे पहले पीएम मोदी ने कृषि विधेयक पारित होने पर कहा, कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होगा बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे. वहीं उन्होंने दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था जारी रहेगी.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, जब अनाज मंडी खत्म हो जाएंगी तो किसान को MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कैसे और कहां मिलेगा. राजनाथ जी और मोदी जी, अगर MSP देंगे तो कानून के अंदर MSP देने की गारंटी के शब्द क्यों नहीं लिख देते, सारी शंका खत्म हो जाएगी.

उन्होंने कहा, 3 काले कानून लाकर मोदी सरकार ने देश के किसान और खेत मजदूर के पेट और पीठ में एक तेज धार वाला खंजर घोप दिया है. 73 वर्षों में शायद ये सबसे अंधकारमय दिन संसद और इस देश के इतिहास में हैं.

वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे ख़ून के आंसू रुलाता है. राज्यसभा में आज जिस तरह कृषि विधेयक के रूप में सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ मौत का फरमान निकाला, उससे लोकतंत्र शर्मिंदा है.’’

संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी.