देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बिगुल फूंक गया है और मैदान में उम्मीदवारी भी तय हो गई है. काफी समय बाद ऐसा हो रहा है जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में गांधी परिवार से कोई भी मुकाबले में खड़ा नहीं है. कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए मतदान की स्थिति 22 साल बाद बन रही है. इससे पहले निर्विरोध अध्यक्ष चुने जा रहे थे. लेकिन इस बार कुछ अलग ही माहौल है. कांग्रेस के अंदर ही घमासान मचा हुआ है.

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शशि थरूर (Shashi Tharoor) का नाम पहले से ही सामने आ चुका था कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे. लेकिन उनके सामने किसकी दावेदारी होगी इसका पता किसी को नहीं था. पहले अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का नाम सामने आया. लेकिन राजस्थान में पार्टी के अंदर ही इतना विवाद हुआ जिससे अशोक गहलोत ने इस चुनाव से बाहर रहने का फैसला किया. हालांकि, उन्होंने इसके लिए सोनिया गांधी से मुलाकात भी की. लेकिन आखिर में उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया.

वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने का दंभ भर रहे थे. उन्होंने नामांकन के लिए फॉर्म भी ले लिया था. लेकिन जब मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने अध्यक्ष पद चुनाव में उतरने का फैसला किया तो दिग्विजय सिंह पीछे हट गए और उनका साथ देना का फैसला किया.

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दिग्विजय सिंह ने मीडिया को बताया कि अगर उन्हें पता होता कि, मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव लड़ेंगे तो वह नामांकन का फॉर्म भी नहीं लेते. उन्होंने बताया कि, खड़गे से मुलाकात में ही उनसे कहा था कि, वह चुनाव लड़ेंगे तो मैं उनके खिलाफ खड़ा नहीं होउंगा बल्कि उन्हें पूरा समर्थन करूंगा. इसलिए जैसे ही मुझे ये बात पता चली की मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव में उतरेंगे मैंने अपना फॉर्म नहीं भड़ा.

उन्होंने कहा कि मैंने जीवन भर कांग्रेस के लिए काम किया है. मेरी निष्ठा मैं कह चुका हूं. मैं तीन बातों पर समझौता नहीं करता, दलित आदिवासी और गरीब पर. सांप्रदायिक सदभाव पर समझौता नहीं करता. मेरी गांधी परिवार के प्रति निष्ठा है. खड़गे जी मेरे सीनियर हैं. मैं उनके पास गया था लेकिन वे बोले कि नहीं मैं पर्चा नहीं भर रहा हूं.

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30 सिंतबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख है. मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ने अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन करा लिया है. अब इन दोनों दिग्गजों के बीच मुकाबला होगा.

इससे पहले कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष और गांधी परिवार के करीबी पवन कुमार बंसल भी नामांकन पत्र ले चुके हैं. नामांकन पत्र खरीदते समय पवन कुमार बंसल ने कहा था कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. तो फिर दो फॉर्म क्यों लिए? इस सवाल पर उन्होंने कहा था कि साझा उम्मीदवार उतारने की स्थिति के लिए.

बता दें, नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर रखी गई है. वोटिंग 17 अक्टूबर को होगी, जबकि चुनाव परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग उसी सूरत में होगी जब दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे. अगर एक प्रत्याशी खड़ा होता है तो उसे निर्विरोध चुन लिया जाएगा.