उच्चतम न्यायालय ने हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी को कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिये मध्य प्रदेश के इंदौर में दर्ज मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी. न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने नियमित जमानत देने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर मुनव्वर फारूकी की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है.

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पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई के दौरान कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिये फारूकी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले में जारी पेशी वारंट पर भी रोक लगा दी है. फारूकी और चार अन्य को भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि फारूकी ने नववर्ष के मौके पर इंदौर में हुए एक हास्य कार्यक्रम के दौरान हिंदू देवी-देवताओं तथा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. इसके बाद एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था.

उच्च न्यायालय ने 28 जनवरी के अपने आदेश में फारूकी को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि ”सौहार्द को बढ़ावा” देना एक संवैधानिक कर्तव्य है.

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