महाराष्ट्र सचिवालय में बम की अफवाह के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया, जिसके बाद सचिवालय में तलाशी अभियान चलाया गया. जांच के लिए बम स्क्वॉड को बुलाया गया लेकिन बाद में बाद में पता चला ये एक अफवाह थी. मुंबई पुलिस को एक फोन कॉल आया जिसमें दावा किया गया था कि सचिवालय की इमारत में बम लगाया गया है. लेकिन वह कॉल फर्जी निकला. वहीं, फोन करने वाले शख्स की पहचान नागपुर जिले के एक किसान के रूप में हुई.

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पीटीआई के मुताबिक, नागपुर ग्रामीण पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि फोन करने वाला शख्स पूर्वी महाष्ट्र के नागपुर का एक किसान है जो कथित तौर पर अपनी अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए फोन किया था.

फर्जी कॉल करने के दो घंटे के भीतर किसान को हिरासत में लिया गया. किसान की पहचान सागर मांधरे (40) के रूप में हुई है.

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उसने कॉल करने की बात उसने अपना दर्द बताते हुए कहा कि, ‘लंबे समय से, वह अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के बारे में चिंतित था. लेकिन कोई भी उसकी याचिका नहीं सुन रहा था. उसने यह कॉल सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया है.’

बताया गया कि, मांधरे के पास नागपुर जिले की उमरेड तहसील के मकरधोकड़ा क्षेत्र में सात एकड़ जमीन थी. उसने उस जमीन का कुछ हिस्सा एक आदमी को बेच दिया, जबकि कुछ हिस्सा वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) द्वारा 1997 में अधिग्रहित कर लिया गया था.

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किसान ने उमरेड पुलिस को बताया कि डब्ल्यूसीएल ने उसकी अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा जारी नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि किसान ने दावा किया कि वह हड्डी की किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उसे इलाज के लिए पैसे की जरूरत है.

अधिकारी ने कहा कि किसान ने दावा किया कि वह अपनी जमीन का मुआवजा पाने के लिए पिछले दो दशकों से कड़ी मेहनत कर रहा है और प्रशासन को कई पत्र लिखे हैं.

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उन्होंने कहा कि पूर्व में मांधरे ने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर कई मौकों पर खुद को आग लगाने की धमकी दी थी.

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