आरएलएसपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से चार दिन पूर्व अपनी मुलाकात पर दोनों के फिर से साथ आने की अटकलों को रविवार को ‘असामयिक अनुमान’ करार दिया.

कुशवाहा ने कहा, ‘ये अटकलें मात्र हैं … मुझे मंत्री पद या बिहार विधान परिषद की सीट नहीं चाहिए. हमारी मुलाकात अच्छी रही. हमने नवीनतम राजनीतिक स्थिति के बारे में चर्चा की. इसके अलावा, किसी भी अनुमान का कोई आधार नहीं है.’’

आरएलएसपी प्रमुख ने आगे कहा कि नीतीश ने अपने आवास पर एक साथ काम करने के विकल्प के बारे में बात करने के लिए आमंत्रित किया था.

उन्होंने कहा, ‘‘निमंत्रण को हमने स्वेच्छा से स्वीकार कर लिया.’’

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नीतीश के साथ फिर से हाथ मिलाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, कुशवाहा ने कहा, ‘अभी ऐसी कोई योजना नहीं है … लेकिन कौन जानता है कि कल क्या होगा.’’

बिहार में राजद नीत विपक्षी महागठबंधन से नाता तोड़कर बसपा और एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करके हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कुशवाहा ने पिछले महीने विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पर राजद नेता तेजस्वी यादव के ‘व्यक्तिगत हमला’ करने पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी को आड़े हाथ लिया था.

जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने दो दिसंबर को कुशवाहा की नीतीश के साथ बैठक का ब्योरा दिए बिना कहा, ‘कुशवाहा सत्ता पक्ष की समान विचारधारा में विश्वास करते हैं और अगर वह हमारे साथ हाथ मिलाने का फैसला लेते हैं, तो यह अच्छा होगा.’

कुशवाहा की नीतीश के साथ मुलाकात पर राजनीतिक हलकों में यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि वह अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) का सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) के साथ विलय कर सकते हैं.

उनके विधान परिषद सदस्य के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की भी अटकलें हैं.