संयुक्त किसान मोर्चा ने मई में संसद मार्च की घोषणा की है. मोर्चा ने कहा कि किसानों और मजदूरों के अलावा, महिलाएं, दलित-आदिवासी-बहुजन, बेरोज़गार युवा और समाज का हर वर्ग इस मार्च का हिस्सा होगा. मोर्चा ने कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा. 

किसान मोर्चा ने बताया, “लोग अपने वाहनों में अपने गांव से दिल्ली की सीमाओं तक आएंगे. इसके बाद दिल्ली की सीमाओं से एक पैदल मार्च किया जाएगा. आने वाले दिनों में संसद मार्च की सटीक तारीख की घोषणा की जाएगी.”

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किसान नेताओं ने 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की भी घोषणा की.

आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके सम्मान में छह मई को एक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. आंबेडकर जयंती और श्रमिक दिवस मनाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.

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