जम्मू-कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास शुक्रवार (8 जुलाई) शाम को बादल फटने के कारण अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है. तीसरे दिन रविवार (10 जुलाई) को सुरक्षाबलों के जवान अभी भी बचाव कार्य में जुटे हैं. राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल, जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस, भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस और सैन्‍यबल तलाश और बचाव अभियान चला रही है. हरिद्वार, ह‍िंगोली और देहरादून में लगातार हो रही बार‍िश के कारण बचाव कार्य में परेशानी आ रही है.

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न्यूज़ एजेंसी से ANI से मिली जानकारी के अनुसार,हाल ही में अमरनाथ में बादल फटने के मद्देनजर भारतीय सेना का बचाव अभियान जारी है. अब तक हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई है.

एक यात्री ने बताया, “हमारा आज का पंजीकरण है. हमें प्रशासन पर भरोसा है कि वे यात्रा जल्द शुरू कराएंगे. हमें बताया गया है कि आज यात्रा शुरू नहीं होगी. लेकिन कल तक यात्रा शुरू होने के 99 प्रतिशत संभावना है.”

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घायल लोगों को हेलिकॉप्टर की मदद से हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जा रहा है. कुछ टीम सड़क को पूरी तरह से बहाल करने के लिए काम कर रही है. बालटाल में छह हजार से ज्यादा यात्री रुके हुए हैं. इसी तरह नुनवान पहलगाम आधार शिविर पर भी हजारों श्रद्धालुओं का जमावड़ा है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमरनाथ की गुफा के नीचे शुक्रवार शाम 5.30 बजे के करीब बादल फटने के बाद से ही NDRF, SDRF और संबंधित एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुट गई है. बताया जा रहा है कि अमरनाथ धाम के कुछ लंगर प्रभावित हुए. अमरनाथ यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने का काम किया जा रहा है.

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43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को तीन साल के अंतराल के बाद शुरू हुई थी. पहले 2019 में जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के चलते और फिर दो साल कोरोना वायरस महामारी फैलने की वजह से यात्रा को बंद रखा गया था.