समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के करहल विधानसभा सीट से उपचुनाव में बीजेपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को मैदान में उतारने की संभावना है. अखिलेश यादव पहले से सांसद हैं और वह अपनी सांसदी जारी रखते हुए विधायक के पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को अखिलेश यादव से मुलाकात की और इस विचार पर चर्चा की.
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अखिलेश यादव ने करहल से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़कर 67,000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की. सपा प्रमुख आजमगढ़ से सांसद बने रह सकते हैं और करहल से अपनी विधायकी छोड़ सकते हैं. ऐसे में करहल में उपचुनाव का आयोजन होगा.
स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर सपा में चले गए थे, लेकिन पूर्वी यूपी के कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से उन्हें बीजेपी प्रत्याशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और विधानसभा चुनाव जीतकर पांच साल तक कैबिनेट मंत्री रहे थे.
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करहल में अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया. यह एकमात्र विधानसभा सीट थी जिसके लिए दो लोकसभा सदस्य मैदान में थे. अखिलेश आजमगढ़ के सांसद हैं और बघेल संसद में आगरा का प्रतिनिधित्व करते हैं. अखिलेश को 1.48 लाख वोट मिले जबकि बघेल को 80,000 वोट मिले.
इससे पहले भी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि अखिलेश यादव करहल की विधायकी छोड़ देंगे. उस समय अटकलें थीं कि पार्टी सोबरन सिंह यादव को मैदान में उतार सकती है, जिन्होंने 2002, 2007, 2012 और 2017 में करहल सीट से चुनाव जीता था. उन्होंने 2022 में अखिलेश के लिए अपनी सीट छोड़ी.
स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख गैर-यादव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता हैं. उन्होंने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट को छोड़ दिया था और सपा में शामिल हो गए थे.
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