प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों के वापस लेने के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार चुनाव से डर गई और वोट के लिए क़ानून वापस लिए हैं. 

अखिलेश यादव ने कहा, “3 कृषि क़ानून किसान हित में तो वापस हुए ही हैं लेकिन सरकार चुनाव से डर गई और वोट के लिए क़ानून वापस लिए हैं. हो सकता है कि सरकार चुनाव के बाद फिर से ऐसा कोई क़ानून लेकर आए. यह भरोसा कौन दिलाएगा कि भविष्य में ऐसे क़ानून नहीं आएंगे जिससे किसान संकट में आए?”

अखिलेश ने आगे कहा, “न केवल (केंद्रीय) कैबिनेट बल्कि पूरी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. जिस मंत्री पर लखीमपुर हिंसा मामले में आरोप लगे हैं, वह अभी भी मंत्रालय में है. कौन आश्वस्त करेगा कि भविष्य में ऐसा कोई कानून (कृषि कानून) नहीं होगा?”

क्या बोलीं मायावती 

BSP प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार के फैसले पर कहा, “हमारी पार्टी(BSP) की केंद्र सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई है, केंद्र सरकार उन्हें उचित आर्थिक मदद दे और उनके परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी ज़रूर दें.”

क्या बोले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 

कृषि क़ानून रद्द होने पर उत्तर प्रदेश CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, “कृषि क़ानून चाहें जैसे भी रहे हों लेकिन अगर कहीं से भी आवाज़ निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते. जब कहीं से आवाज़ उठी है तो उसकी भी सुनवाई होगी, बातचीत से, संवाद से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे.”

‘ये एक जिहादी राष्ट्र है’, पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने पर फूटा कंगना रनौत का गुस्सा

कानून निरस्त करते हुए क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. साथ ही पीएम मोदी ने किसानों से अपील की, आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरुआत करते हैं.”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं सभी का बहुत बहुत आभारी हूं. साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी. लेकिन इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था. हमने बातचीत का प्रयास किया. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया. “