टेक्नोलॉजी तेजी से दुनिया के कोने-कोने पर छा रही है. हर दिन कोई ना कोई अविष्कार, कोई ना कोई नई चीजों का निर्माण होता ही जा रहा है. दुनियाभर में एयरपोर्ट्स बन रहे हैं जिससे फ्लाइट्स हर जगह अवेलेबल रहे लेकिन इसी दुनिया की 5 ऐसी जगहें हैं जहां आज भी No Flight Zone का टैग लगा हुआ है. इन जगहों के ऊपर से हवाई जहाज का उड़ना सख्त मना है. क्या आप जानते हैं इन जगहों के नाम?
इन 5 जगहों के ऊपर से नहीं उड़ता हवाई जहाज
कई फेमस जगहों पर किसी वजह से हवाई जहाज की उड़ान पर रोक लगाई गई है. इन जगहों के ऊपर से फ्लाइट क्यों नहीं जा सकती है इसकी वजह बड़ी तो नहीं लेकिन जानकारी के लिए जरूरी है. चलिए बताते हैं आपको उन जगहों के नाम
1. ताजमहल (Tajmahal)

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित ताजमहल यूपी वालों की शान माना जाता है. दुनिया के 7 अजूबों में शामिल ताजमहल के ऊपर से हवाई जहाज निकालना सख्त मना है. सरकार ने इस इमारत की सुरक्षा के लिए साल 2006 में नो-फ्लाई जोन की कैटेगरी में इस जगह को रखा.
2. तिब्बत (Tibbat)

तिब्बत भी नो फ्लाई जोन कैटेगरी में आता है. इस खूबसूरत जगह पर हवाई जहाज की उड़ान को सुरक्षा के लिहाज से प्रतिबधित किया गया है. तिब्बत दुनिया के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में शामिल किया गया है जहां घूमने के लिए जाना थोड़ा महंगा पड़ता है.
3. डिज्नी पार्क (Disney Park)

अमेरिका के कैलिफोर्निया में बहुत बड़ा डिज्नी पार्क बना है जिसे डिज्नीलैंड भी कहते हैं. 9/11 के हमले के बाद से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस जगह के ऊपर से हवाई जहाजों को प्रतिबंधित कर दिया गया. दरअसल यहां हर हर दिन हजारों लोग घूमने आते हैं जिसमें महिलाएं और बच्चों की संख्या ज्यादा होती है इसलिए यहां सुरक्षा बहुत तेजी से बढ़ाई गई है. यह पार्क साल 1971 में बना था और अमेरिका जाने वाले यहां जरूर जाते हैं.
4. माचू पिचू (Machu Pichu)

दक्षिण अमेरिका के एक देश पेरू में माचू पिचू स्थित है. यह एक ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है जहां दुनियाभर से लोग घूमने आते हैं. यहां दुनिया के 7 अजूबों को शामिल किया गया है और यह बहुत ही रहस्यमयी टूरिस्ट प्लेज माना जाता है. ऐतिहासिक और रहस्यमयी जगह होने के कारण यहां के ऊपर से हवाी जहाज ले जाना प्रतिबंधित है.
5. मक्का (Mecca)

सऊदी अरब का मक्का (Mecca) शहर इस्लाम समुदाय के लिए धार्मिक स्थल है. मक्का में जो काबा हैं उनके ऊपर से हवाई जहाज का उड़ना बैन है. इस जगह को धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व देने के लिए ऐसा नियम बनाया गया है.