Adani vs Hindenburg: दुनिया के टॉप बिजनसमैन में से एक गौतम अडानी के समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को गलत बताया है. अब दोनों के बीच (Adani vs Hindenburg) तकरार दिख रही है. अडानी सूमह ने कहा है कि, ये भारत, उसकी संस्थाओं और विकास के काम पर सुनियोजित हमला है. 29 जनवरी को अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को झूठ बताया है. अडानी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट मिथ्या धारणा बनाने की ‘‘छिपी हुई मंशा’’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
Adani ने Hindenburg को क्या दिया जवाब
समूह ने कहा कि ये ‘‘निराधार और शर्मनाक आरोप किसी गुप्त मकसद’’ से लगाए गए हैं. समूह ने हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता एवं नैतिकता पर सवाल उठाया और कहा कि रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण इरादे से जारी की गई, यह इस बात से स्पष्ट है कि इसे ऐसे समय में जारी किया गया, जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयरों की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश कर रहा है.
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Hindenburg ने अडानी को क्या दिया जवाब
वहीं, हिंडनबर्ग ने भी अडानी के 413 पेज के खंडन का दिया जवाब है. हिंडनबर्ग ने कहा है कि हम मानते हैं कि भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है. लेकिन हमारी रिपोर्ट गलत नहीं है.अडानी ग्रुप की रिपोर्ट में लिखी बातें जरूरी मुद्दों से ध्यान भटका रही हैं. राष्ट्रवादी एंगल देकर हमारी रिपोर्ट को ‘भारत पर हमला’ बता दिया गया. अडानी ग्रुप ने तो भारत की सफलता को सीधे-सीधे अपने अध्यक्ष गौतम अडानी की संपत्ति से जोड़ दिया.
Our Reply To Adani:
Fraud Cannot Be Obfuscated By Nationalism Or A Bloated Response That Ignores Every Key Allegation We Raisedhttps://t.co/ohNAX90BDf
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 30, 2023
हमारी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल पूछे गए थे. लेकिन अडानी ग्रुप ने सिर्फ 26 के ही जवाब दिए हैं. अडानी की 413 पेज की रिपोर्ट में सिर्फ 30 पेज ही हमारी रिपोर्ट से जुड़े हैं. संदिग्ध लेन-देन वाले आरोप पर तो कोई जवाब आया ही नहीं. विनोद अडानी, मॉरिशियस लिंक और चाइनीज लिंक्स के बारे में हमें कोई जवाब नहीं मिला है.
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गौरतलब है कि, न्यूयॉर्क की कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है.