रोगी के स्वास्थ्य (Health)के लिए डॉक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. हेल्थ सेक्टर में डॉक्टर (Doctor) के साथ ही नर्स भी अपनी अहम भूमिका निभाती है. नर्सेस के योगदान को याद करने और उनके प्रति सम्‍मान प्रकट करने के लिए हर साल आज (12 मई) ‘इंटरनेशनल नर्सेस डे’ (International Nurses Day) मनाया जाता है.

इस दिन को नर्सों के योगदान और सम्मान के प्रति समर्पित किया गया है. कोरोना काल में नर्स की भूमिका को लोगों ने समझ लिया. लेकिन नर्स दिवस को मनाने की शुरुआत दशकों पहले हो चुकी है. इस लेख में हम आपको बातएंगे कि नर्स दिवस मनाने की शुरुआत क्यों, कब हुई और इस दिवस  की थीम क्या है? आखिर इस दिवस को किसकी याद में मनाया जाता है.आइए जानते है.

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कब हुई शुरुआत?

jagran.com के लेख के अनुसार, नर्स दिवस (Nurses day) को मनाने की शुरुआत वर्ष 1974 से ही हुई थी. यह दिन आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस यानी 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. वह नर्स के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थी, जिस तरह से क्रीमियन युद्ध के दौरान नर्सों ने काम किया था. वह वाकई सराहनीय था. उन्हें ‘द लेडी विद द लैंप’ कहा गया क्योंकि वो घायल सैनिकों की देखभाल के लिए रात में घूमती थी. उन्होंने नर्सिंग को महिलाओं के लिए एक पेशे के रूप में बदल दिया.

क्यों हुई शुरुआत?

मरीजों के प्रति उनकी सेवा, साहस और उनके सराहनीय कार्यों के लिए प्रत्येक साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स डे मनाया जाता है.

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अंतरराष्ट्रीय नर्स डे 2022 की थीम

इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की थीम रखी है- Nurses: A Voice to Lead- Invest in Nursing and respect rights to secure global health

किसकी याद में मनाया जाता है?

इस दिन को मॉर्डन नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) के जन्मदिन को इंटरनेशनल नर्सेस डे के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है.

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नर्सिंग डे का महत्व

मरीज को डॉक्टर की जरूरत होती है. लेकिन नर्स के काम को भी कम नहीं आंका जा सकता. नर्स ही होती है जिसके ऊपर रोगी के उपचार की जिम्मेदार होती है. इस कारण से भी यह दिन बहुत महत्व रखता है. कोरोना काल में नर्सों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है.

कौन हैं फ्लोरेंस नाइटिंगेल?

फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को हुआ था. उन्होंने अपने जीवन में रोगियों और बीमार लोगों की सेवा की. फ्लोरेंस का बचपन बीमारी और शारीरिक कमजोरी में बीता. उन दिनों स्वास्थ्य संबंधी कई सुविधाओं की कमी थी. उस समय बिजली उपकरण की सुविधा भी नहीं थी. हाथों में लालटेन लेकर अस्पताल में स्वास्थ्य गतिविधियां की जाती थी.

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फ्लोरेंस नाइटिंगेल को हमेशा अपने मरीजों की चिंता रहती थी. वह मरीजों की देखभाल के लिए रात में भी हॉस्पिटल में घूम कर चेक करती थी कि किसी मरीज को कोई जरूरत तो नहीं है. बीमार, दुखियों और गरीब के लिए वह काम करती थी. उनकी नर्सिंग सेवा ने समाज में नर्सों को सम्मानजनक स्थान दिलाया.

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