कुछ साल पहले, भारत में पोलियो (Polio) को एक बहुत ही गंभीर बीमारी (Disease) माना जाता था और उस वक्त बच्चों को पोलियो होना बहुत आम बात थी. उस समय पोलियो ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था. लेकिन भारत के निरंतर प्रयासों के बाद आज भारत में पोलियो न के बराबर रह गया है. यह भारत की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था. पोलियो के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 24 अक्टूबर को पूरी दुनिया में विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं पोलियो के बारे में कुछ खास बातें.

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पोलियो क्या है?

पोलियो को पोलियोमाइलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है. यह एक गंभीर संक्रामक रोग है. जो पोलियो वायरस यानी संक्रमण के कारण होता है. यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. यह संक्रमण व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है. जिससे व्यक्ति लकवाग्रस्त हो जाता है यानि शरीर के कुछ अंग ठीक से काम नहीं कर पाते हैं.

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पोलियो कितने प्रकार के होते हैं

पोलियो तीन प्रकार का होता है.

बुलबार: बुलबर से पीड़ित लोगों को मांसपेशियों में कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.

स्पाइनल पैरालिटिक: स्पाइनल पैरालिटिक से पीड़ित व्यक्ति शरीर के किसी भी हिस्से में या पूरे शरीर में लकवाग्रस्त हो जाता है.

नॉन-परलैटिक: एक गैर-लकवाग्रस्त व्यक्ति को पक्षाघात की शिकायत नहीं होती है.

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 क्या है पोलियो के लक्षण

पोलियो के लक्षण पोलियो के प्रकार पर निर्भर करते हैं. कुछ लोग गैर लकवाग्रस्त होते हैं. जिसमें हल्का फ्लू होता है और यह 10 दिनों तक दिखाई देता है.

बुखार.

सिरदर्द.

थकान.

उल्टी.

गला खराब होना.

अप्रसन्नता.

मांसपेशी में कमज़ोरी.

मस्तिष्कावरण शोथ.

हाथ या पैर में दर्द या सुन्नता.

पीठ दर्द.