विटामिन डी (Vitamin D) हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. इसे हड्डियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है साथ ही यह शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस को रेग्युलेट करने में मदद करता है. मुख्य रूप से सूरज की रोशनी से विटामिन डी प्राप्त किया जाता है लेकिन अंडे, मछली और फोर्टिफाइड मिल्क से भी यह मिलता है. विटामिन डी की कमी से जूझ रहे लोग इसकी गोलियों (Vitamin D Tablets) से विटामिन डी लेना शुरू कर देते हैं. लेकिन, विटामिन डी का ओवरडोज आपकी जान के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं.

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ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश एक केस स्टडी के मुताबिक, एक व्यक्ति ने डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज (हर हफ्ते 600 मिलीग्राम या 400 आईयू) से सात गुना ज्यादा विटामिन डी का सेवन कर लिया जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. कहा जा रहा है कि व्यक्ति ने अपने प्राइवेट न्यूट्रिशनिस्ट द्वारा बताए गए 19 दूसरे सप्लीमेंट के साथ विटामिन डी सप्लीमेंट भी खाये जो की तय मानकों से काफी ज्यादा थे. दुनियाभर में इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे है. इस कंडीशन को हाइपरविटामिनोसिस डी कहा जाता है.

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क्या होता है हाइपरविटामिनोसिस डी

शरीर में विषाक्त होने वाले विटामिन डी की स्थिति को हाइपरविटामिनोसिस डी (Hypervitaminosis D) कहा जाता है. यह गंभीर स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा विटामिन डी खुराक ले लेता हैं. सूरज के संपर्क में आने से यह समस्या नहीं होती हैं.

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हाइपरविटामिनोसिस डी के लक्षण

1 उल्टी और दस्त की समस्या

2.पेट में दर्द और ऐंठन बने रहना

3.टिनिटस (कान बजना)

4.मुंह सूखना और बार बार प्यास लगाना

5.वजन कम होना

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ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कराये गए व्यक्ति के शरीर में उपर बताये गए लक्षण लगभग तीन महीने से थे और एक न्यूट्रिशन थेरेपिस्ट की सलाह पर विटामिन सप्लीमेंट शुरू करने के लगभग एक महीने बाद ही उसे ये लक्षण दिखने लगे थे.”

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इस तरह की स्थिति से बचने के लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. विटामिन डी की गोलियों को डॉक्टर की सलाह से ही खाना चाहिए. गर्भावस्था और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं, किडनी से जुड़ी समस्या वाले लोगों को विटामिन डी की गोलियां लेने से बचना चाहिए. जिन लोगों के खून में कैल्शियम की अत्यधिक मात्रा हो उन्हें भी विटामिन डी की गोलियां नहीं खानी चाहिए.

नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें.