अभी कोरोना, मंकीपॉक्स जैसे रोगों से हम पूरी तरह से निकल भी नहीं पाए हैं कि टॉमेटो फ्लू ने भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. केंद्र ने हाल ही में हैंड फूट एंज माउथ डिजीज या टॉमेटो फ्लु के विषय को लेकर अधिसूचना जारी की है. वहीं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की मानें, तो इस टॉमेटो फ्लू की शूरुआत 6 मई 2022 को केरल के कोलम से हुई थी. टॉमेटो फ्लू को लेकर चिंता की बात यह है कि यह ओडिशा में 1 से 9 साल की उम्र के करीब 26 बच्चों को अपनी चपेट में ले चुका है. ऐसे में इससे जुड़ी कई अहम जानकारियों का आपको पता होना बेहद जरूरी है. ताकि इससे अपना व अपनों का बचाव किया जा सके.

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 टॉमेटो फ्लू लक्षण और सावधानियां

इस फ्लू की चपेट में आने पर कुछ-कुछ वायरल इंफेक्शन जैसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं. जैसी की कमजोरी लगना, बुखार सा महसूस होना, शरीर में ऐंठन या दर्द रहना और स्किन में रैशेज या चकत्ते टाइप के दिखना.

टॉमेटो फ्लू का शिकार होने की स्थित में पीड़ित के शरीर पर टमाटर की तरह ही त्वचा पर लाल लाल छाले या फोड़े से नजर आने लगते हैं. हालांकि कुछ दिनों में यह फोड़े या छाले स्वयं से ठीक भी हो जाते हैं.

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इसकी चपेट में आने से सबसे पहले बुखार सा महसूस होता है. भूख मरने लगती है, गले में भी इँफेक्शन महसूस होता है, इसके साथ ही जीभ, मसूड़े, गाल, हथेली पर छाले नजर आ सकते हैं.

जारी अधिसूचना के अनुसार, टॉमेटो फ्लु हैंड फूट एंड माउथ डिजीज (Hand foot and mouth disease) का क्लीनिकल वैरिएंट है. यह अधिकतर स्कूली बच्चों को अपनी चपेट में लेता है.

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टॉमेटो फ्लू से बचाव 

टॉमेटो फ्लू के चपेट में बच्चों के आने की असल वजह है, उनका ज्यादा से ज्यादा संक्रमित चीजों के संपर्क में आना. इसलिए अपने बच्चों को इस चीज के लिए जागरूक करें कि वह कोई भी संक्रमित चीज या बच्चे के संपर्क में न आएं.

फ्लू से बचाव करने के लिए, आपको साफ सफाई रखने के साथ ही साथ हर चीज को सैनिटाइज करते रहना है.

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संक्रमित हो जाने की स्थिति में उस व्यक्ति को अलग रूम में रखना होगा व गरम पानी से शरीर की सफाई का ख्याल रखना होगा.

उसके संपर्क में आने वाली सभी चीजों को समय समय पर सैनीटाइज करते रहना है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.