एड्स (AIDS) एक लाइलाज बीमारी (Disease) है और भारत समेत पूरी दुनिया में इसके मरीज बढ़ रहे हैं. इस बीमारी का कोई पुख्ता इलाज तो नहीं है, लेकिन दुनिया भर में इससे जुड़े कई ऐसे मिथ हैं, जिनकी सच्चाई से लोग वाकिफ नहीं हैं. आज 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस पर हम आपको ऐसे सात मिथकों के बारे में बताएंगे जो हमारे समाज में फैले हुए हैं.

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मिथक नंबर 1: एचआईवी और एड्स एक ही बीमारी है

एचआईवी और एड्स दोनों काफी अलग हैं. अगर कोई एचआईवी पॉजिटिव है तो इसका मतलब है कि उसके शरीर में एचआईवी का संक्रमण फैल चुका है. जबकि एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी संक्रमण की उन्नत अवस्था है. एचआईवी वायरस का सीधा अटैक शरीर के इम्यून सिस्टम पर होता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है.

मिथक नंबर 2: एचआईवी और एड्स सिर्फ सेक्स से फैलते हैं

दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें भ्रम है कि एचआईवी या एड्स सेक्स से फैलता है. ये एक मिथक है. एचआईवी कई अलग-अलग तरीकों से भी फैल सकता है. इस बीमारी के मुख्य कारणों में से एक संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद एक स्वस्थ व्यक्ति से एचआईवी वायरस का फैलना है. लेकिन यह किसी संक्रमित व्यक्ति को इंजेक्शन लगाने या अन्य इंजेक्शन लगाने वाले उपकरण का उपयोग करने से भी फैलता है.

मिथक नंबर 3: किश करने से भी फैलता है एचआईवी

लोग मानते हैं की किश करने से भी एचआईवी वायरस फैल सकता है, हालांकि इसकी संभावना कम होती है. ऐसा तभी होता है जब एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के मसूड़ों से खून दूसरे व्यक्ति के मुंह में चला जाता है.

मिथक नंबर 4: एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से एड्स फैल सकता है

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को छूने या उसके आसपास रहने से यह बीमारी नहीं फैलती है. यही बात पानी और हवा पर भी लागू होती है क्योंकि यह वायरस पानी और हवा से नहीं फैलता है. यह संक्रमित व्यक्ति के साथ खाने, साथ रहने, कपड़े पहनने या एक ही शौचालय का उपयोग करने से नहीं फैलता है.

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मिथक नंबर 5: एचआईवी मच्छर के काटने से भी फैल सकता है.

मच्छरों के काटने से एचआईवी नहीं फैलता है. ये सिर्फ एक मिथक है. संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से यह बीमारी फैल सकती है, लेकिन मच्छरों द्वारा इसके फैलने की एक भी रिपोर्ट नहीं मिली है.

मिथक नंबर 6: एड्स होने का मतलब मौत है

यह इस बीमारी से जुड़ा सबसे आम और सबसे बड़ा मिथ है की एचआईवी होने का मतलब मौत है. ऐसा नहीं है, लेकिन अगर उसे सही इलाज मिल जाए तो वह खुशहाल जीवन जी सकता है. पहली बार इस बीमारी का पता न चल पाने और उचित उपचार के अभाव में इसे घातक माना जाता था.

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मिथक नंबर 7: ओरल सेक्स सुरक्षित है

सेक्स से ज्यादा सुरक्षित है ओरल सेक्स. लेकिन ऐसा नहीं है कि एचआईवी ओरल सेक्स से नहीं फैल सकता है. ओरल सेक्स के दौरान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के खून बहने वाले घाव के संपर्क में आने से एचआईवी वायरस फैल सकता है.