पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले काफी बढ़े हैं. हार्ट अटैक कभी भी किसी को भी आ सकता है. आजतक के मुताबिक, ज्यादातर लोगों को दिन के शुरुआती घंटों में हार्ट (Heart) अटैक का खतरा ज्यादा होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कार्डिएक अरेस्ट ज्यादातर सुबह के समय ही क्यों आता है?

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इस पर जानकारों ने बताया है कि ऐसा शरीर से कुछ हार्मोंस के निकलने की वजह से होता है. सुबह करीब 4 बजे हमारा शरीर साइटोकिनिन नाम का हार्मोन रिलीज करता है जो एरिथमिया या अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है.

आजतक के मुताबिक ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी इसके लिए जिम्मेदार है. एक विशेषज्ञ के अनुसार हमारे शरीर में एक जैविक घड़ी होती है जो हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है.

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विशेषज्ञ ने बताया कि सुबह और नींद का अंतिम चरण दिल का दौरा, सभी प्रकार की कार्डियोवस्कुलर इमरजेंसी, अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु, अरोटिक रपचर और स्ट्रोक के लिए बहुत खतरनाक समय होता है.

लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में किए गए एक अन्य शोध में पाया गया कि हृदय रोग के रोगियों के रक्त में सुरक्षात्मक अणुओं का स्तर सुबह के समय काफी कम होता है. जिससे इस समय ब्लड क्लॉट और हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है.

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किन वजहों से आता है हार्ट अटैक?

विशेषज्ञों का मानना है कि शुगर, हाई ब्लड प्रेसर, नियमित धूम्रपान से कार्डियक अरेस्ट का खतरा काफी बढ़ जाता है. आज के समय में युवा पीढ़ी अपने जीवन की शुरुआत में ही कार्डियक अरेस्ट का सामना कर रही है. इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे गलत जीवनशैली, समय से ना सोना और जगना, तनाव का स्तर बढ़ना, अत्यधिक शराब का सेवन और अनहेल्दी डाइड्री आदतें.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए संबंधित विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें.)