दिल से संबंधित बीमारियों के चलते हर साल देश
भर में तमाम मौते होती हैं. इसमें कई मौतें तो ऐसी होती हैं, जिनमें व्यक्ति को जरा
सा भी मौका नहीं मिल पाता है और मौत (Sudden Cardiac Death) हो जाती है. जी हां, ऐसी मौत का कारण ज्यादातर
कार्डियक अरेस्ट (Cardiac
Arrest). जो कि एक गंभीर समस्या है. कार्डियक अरेस्ट की स्थिति (Cardiac Arrest Situation) में अचानक से दिल धड़कना बंद (Sudden Cardiac Death) कर देता है, जिसकी वजह से
व्यक्ति की जान चली जाती है, इसे ‘सडेन
कार्डियक डेथ’ (Sudden Cardiac Death) के नाम से भी जाना जाता है.

कार्डियक अटैक (Cardiac Attack) और हार्ट अटैक
दोनों अलग अलग समस्याएं हैं. ज्यादातर लोग इन्हें एक ही समझ लेते हैं, लेकिन यह दोनों अलग हैं. आपको बता दें
कि हार्ट अटैक में हृदय में रक्त का प्रवाह ब्लॉक हो जाता है, जबकि अचानक दिल की
धड़कन रुक जाने की स्थिति को कार्डियक अरेस्ट(Cardiac Arrest Attack) कहा जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं कार्डियक
अरेस्ट के लक्षण, कारण और बचाव के तरीकों के बारे में.

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कार्डियक अरेस्ट के लक्षणों की पहचान

कार्डियक अरेस्ट एक अचानक से होने वाली समस्या है, यह
व्यक्ति को संभलने का मौका नहीं देता है. ऐसे में इसके लक्षण काफी तेजी से नजर आते
हैं. ऐसे केस में व्यक्ति को बेहोशी आने के साथ-साथ आंखों के सामने अंधेरा महसूस
होने लगता है. इसके अलावा व्यक्ति को बहुत ज्यादा बेचैनी महसूस होने लगती है, सांस
लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है, इसके साथ ही साथ नाड़ी न चलने जैसी दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं.

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कार्डियक अरेस्ट होने के मुख्य कारण

कार्डियक अरेस्ट को लेकर एक्सपर्ट्स की राय
मानें, तो उनका कहना है कि हृदय से जुड़ी कई सारी बीमारियों के कारण कार्डियक
अरेस्ट का खतरा होता है.

· आपको बता दें कि कोरोनरी धमनियों की
मदद से हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति होती है. लेकिन कई बार धमनियां अवरुद्ध
हो जाती हैं और दिल को रक्त नहीं मिल पाता है, जिससे वह ठीक से काम करना बंद कर
देता है और कार्डियेक का खतरा बढ़ जाता है.

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· कई बार दिल के साइज का सामान्य से बड़ा
होना भी कार्डियक अरेस्ट का कारण बन जाता है.

· इनके अलावा कई बार लोग बहुत ज्यादा
धूम्रपान करते हैं, तो ऐसे लोगों को भी ऐसा खतरा हमेशा बना ही रहता है.

· शरीर में पोटैशियम और मैग्नीशियम की
कमी होने की स्थिति में भी कार्डियक अरेस्ट का खतरा बना रहता है.

· रक्तचाप का बढ़ना-घटना भी कार्डियक अरेस्ट का बहुत बड़ा कारण होता है.

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कार्डियक अरेस्ट से बचाव के उपाय

एक्सपर्ट्स की मानें, तो उपरोक्त लक्षणों के
दिखने पर हमें अपनी डाइट से लेकर फिजीकल एक्टीविटी पर ध्यान देना चाहिए. हमें अपनी
डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर और संतुलित आहार को शामिल करन चाहिए. इसके अलावा
डायबिटीज को हमेशा कंट्रोल में रखना चाहिए, कोलेस्ट्रोल को हमेशा बैलेंस रखना चाहिए, इसके साथ ही तनाव नहीं लेना
चाहिए और रोजाना नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.