COVID-19  महामारी के दौरान सामाजिक अलगाव,
आर्थिक तनाव, प्रियजनों
की हानि और अन्य संघर्षों ने चिंता (Anxiety) और अवसाद (Depression) जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को
बढ़ाने में योगदान दिया है. हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग
कोविड संक्रमण का शिकार हुए हैं उनका अनुपात दो साल बाद भी बाकी लोगों की तुलना
में अधिक है.

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द लैंसेट साइकियाट्री (The
Lancet Psychiatry) में प्रकाशित एक शोध पत्र में इस
मुद्दे पर कई अहम बातें बताई गई हैं.

इस अध्ययन से पता चला कि कोविड
महामारी के बाद लोगों में चिंता और अवसाद जैसे सामान्य मानसिक विकारों के अधिक
मामले सामने आए. लेकिन बाद में इसमें कमी आई. जो लोग कोविड से संक्रमित थे,
उनमें इन विकारों की दर उन लोगों से अलग नहीं थी जिन्हें
पहले सांस संबंधी अन्य संक्रमण थे.

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अच्छी खबर यह है कि बच्चों में
संक्रमण के बाद बेचैनी और अवसाद जैसी समस्याओं का खतरा नहीं बढ़ा. साथ ही जिन
लोगों को कोविड हुआ था उनमें अन्य लोगों की तुलना में पार्किंसन रोग होने की
संभावना अधिक नहीं पाई गई.

अध्ययन के चिंताजनक परिणाम

कोविड संक्रमण के बाद दो साल तक
मनोविकृति, मिर्गी, ब्रेन फॉग और मेमोरी लॉस (डिमेंशिया) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता दिखाई
दिया. कोविड के बाद बुजुर्गों में स्मृति हानि 4.5 प्रतिशत थी, जबकि अन्य श्वसन रोगों वाले लोगों के
लिए यह 3.3 प्रतिशत थी. इस अवधि के दौरान बच्चों
में मनोविकृति और दौरे का खतरा भी बढ़ गया पाया गया. यह अध्ययन इस बात की पुष्टि
करता है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट इसके पिछले डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा
खतरनाक है, लेकिन इससे संक्रमित लोगों में
न्यूरोलॉजिकल और मानसिक जोखिम देखा गया.

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मिला-जुला परिणाम

इस शोध के दौरान कोविड 19 से संक्रमित करीब 12.5 लाख लोगों के ई-स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्राप्त किए गए. जिनमें से ज्यादातर
अमेरिका में रहने वाले लोग थे. इन सभी लोगों के दो साल के रिकॉर्ड की जांच 14
प्रमुख न्यूरोलॉजिस्ट और मनोचिकित्सकों की एक टीम ने की.
शोधकर्ताओं की टीम ने अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों की अलग-अलग जांच की.

कुल मिलाकर, इस अध्ययन के परिणाम मिले-जुले रहे, जिसमें कोविड संक्रमण के बाद कुछ समय के लिए कुछ बीमारियों के विकसित होने
का खतरा था. जबकि कुछ बीमारियों में यह खतरा लंबे समय तक बना रह सकता है. कुछ
अपवादों को छोड़कर, ज्यादातर मामलों में, इस अध्ययन के परिणाम बच्चों के स्वास्थ्य में विश्वास जगाने
वाले हैं.