योग (Yoga) के द्वारा शरीर के बहुत सारे विकारों को दूर किया जा सकता है.
नियमित रूप से योग करने से शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी कम होती है साथ ही बहुत सारे
रोगों से छुटकारा भी मिलता है. क्या आपको पता है कि कई सारे आसनों में से एक अकेला
मत्स्यासन (Matsyasan) कई बीमारियों का रामबाण
ईलाज है. आजकल की भागदौड़
भरी व्यस्त जिंदगी के कारण लोगों का खाने-पीने, सोने-जागने का रूटीन खराब हो गया
है. जिसके कारण कई तरह की बीमारियों ने हमारे चारों तरफ एक घेरा बना लिया है. इसलिए
यदि आपको स्वस्थ रहना है और इस घेरे को तोड़ना है तो आप अपने इस व्यस्त जिंदगी में से
थोड़ा समय निकालकर इस आसन को जरूर करें ताकी रोगों से मुक्त रह सकें.

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मत्स्यासन में शरीर मछली के आकार जैसा
बनता है, जिसकी
वजह से इसका नाम मत्स्यासन रखा गया है.

आपको बता दें
कि मत्स्यासन (Matsyasan) करने से पेट और सांस की बीमारी कंट्रोल में रहती है.ध्यान रहे कि इस आसन
को करते समय पेट खाली होना चाहिए. तभी यह आसन अच्छे से वर्क करेगा. इसको करने के
लिए सबसे अच्छा समय सुबह है.

अगर आप चाहते हैं कि आपको पेट और सांस की
समस्या ना हो तो यहां बताए जा रहे योगासन की मदद से आप इन समस्याओं से आसानी से बच
सकते हैं. 

आइए आपको बताते हैं कि मत्स्यासन आसन कैसे
करना चाहिए:-

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1. मत्स्यासन करने के लिए सबसे पहले आपको योगा मैट बिछा लेना है. उसके
बाद पीठ के बल लेट जाइए,  फिर अपनी टांगों
को रिवर्स साइड में मोड़ लीजिए और अपनी अपनी हथेलियों को हिप्स के नीचे रखें. 

2. अब गहरी सांस लेते हुए सीने को ऊपर की
ओर उठाएं और साथ में सिर को भी. आपके सिर का ऊपरी हिस्सा इस दौरान जमीन को छुए. आपको बता दें कि इस आसन को करने से पिट्यूटरी, पैराथायरॉयड
और पीनल ग्लैंड्स भी टोन हो जाती हैं.

3. ये हिप्स के जोड़ और मांसपेशियों को अच्छा स्ट्रेच देता है. ये आसन पीठ के ऊपरी हिस्से और गर्दन के पीछे की मांसपेशियों को मजबूत
बनाता है.

नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.