भारत को मसालों का देश कहा जाता है. हल्दी (Turmeric) उन मसालों (Spices) में से एक है, जिसके बिना सब्जी बनाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हल्दी का उपयोग भारतीय आयुर्वेद में सदियों से कई बीमारियों (Diseases) के इलाज के लिए किया जाता रहा है. आधुनिक शोध यह भी दावा करते हैं कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन और एंटीऑक्सीडेंट के कारण हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक दवाओं के रूप में काम करती है. कुछ शोधों में यह भी कहा गया है कि हल्दी में कैंसर रोधी तत्व भी मौजूद होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की क्षमता रखता है. इतना फायदेमंद होने के बावजूद हल्दी के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं.

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हल्दी के वास्तव में क्या साइड इफेक्ट हैं

वेबएमडी वेबसाइट में छपी एक खबर के मुताबिक, हल्दी का कम मात्रा में सेवन करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, लेकिन इसके कई फायदे हैं. अगर दो महीने तक रोजाना 8 ग्राम करक्यूमिन का सेवन किया जाए तो भी कोई नुकसान नहीं होता है. दरअसल हल्दी का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. कुछ लोगों को हल्का चक्कर आना, जी मिचलाना या दस्त की शिकायत हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक फेस वाश, स्किन क्लीनिंग, माउथ क्लीनिंग आदि में हेल्दी को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन कुछ स्थितियों में अगर हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो यह नुकसान पहुंचा सकती है. सवाल यह है कि कोई व्यक्ति 8 ग्राम से ज्यादा हल्दी का सेवन क्यों करेगा? लोग मुश्किल से 2 ग्राम हल्दी का सेवन करेंगे.

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किडनी स्टोन में परहेज

वेबएमडी की खबर में यह भी बताया गया है कि जिन लोगों को गॉल ब्लैडर यानी गुर्दे की पथरी की समस्या है उन्हें भी हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे समस्या हो सकती है. हालांकि इसका भी कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. वैसे आयुर्वेद में हल्दी के गुणों का जिक्र है.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए संबंधित विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें.)