11 मार्च को द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म की कहानी देखकर लोग काफी इमोशनल हो रहे हैं, ऐसा आप सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले अनेक वीडियोज में देख सकते हैं. बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म को शानदार ओपनिंग मिली है और लोग इस फिल्म को काफी पसंद भी कर रहे हैं. साल 1990 में घटी उस घटना का जिक्र फिल्म में दिखाया गया है जिसमें कश्मीरी पंडितों की दर्दनाक कहानी हमने और आपने कहीं ना कहीं सुनी है. अनुपम खेर ने भी एक वीडियो शेयर करके उस दौर की बात बताई जब उन्होंने खुद इस घटना को घटित होते देखा था.

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अनुपम खेर ने The Kashmir Files को लेकर क्या कहा?

वीडियो शेयर करते हुए अनुपम खेर ने लिखा, ‘आज मैं सिर्फ़ अभिनेता नहीं रहा.मैं गवाह हूँ और द कश्मीर फाइल्स मेरी गवाही है. वो सब कश्मीरी हिंदू,जो या तो मार डाले गए या जीते जी एक शव की तरह जीने लगे. अपने पुरखों की ज़मीन से उखाड़ कर फेंक दिए गए.आज भी न्याय को तरस रहे हैं.अब मैं उन सब कश्मीरी हिंदुओं की ज़ुबान और चेहरा हूं.’

वीडियो में अनुपम खेर कहते हैं, ‘नमस्ते, ईश्वर की कृपा और आप सबके प्यार और आशीर्वाद से 522 फिल्में कर चुका हूं, अनुपम खेर हूं, कुछ पात्र बनता हूं, अभिनय करता हूं, हंसाता-रुलाता हूं, यही मेरा सारांश है. लेकिन इस बार मैं कोई पात्र नहीं बना, मैंने अभिनय नहीं किया, कश्मीर फाइल्स कोई डायलॉग भरी कहानी नहीं है. 32 साल पहले लाखों कश्मीरी हिंदू तहस-नहस कर दिए गए. हमारे भाई-बहन, बूढ़े-बच्चे, मेरे अपने मानो मेरे हाथ-पांव, बाजू, मेरा खून, मेरे हाड माड का शरीर, किसी ने रातोंरात जिहाद ने रौंद डाला. 90 करोड़ का ये भरा-पूरा देश इस बात से बेखबर रहा, पुलिस मानो गायब हो गई, सेना छावनी में पड़ी रही, मीडिया गूंगा-बहरा हो गया और कश्मीर हम हिंदुओं से खाली करा दिया गया. पराना गंजू कौन थी, सरला भट्ट के साथ क्या हुआ, निरजा टिक्कू का क्या कसूर था किसी को नहीं पता. लसे कौल, नीलकंठ कंजू, टीकालाल टपलू, सर्वानंद प्रेमी, प्रेमनाथ भट्ट, किस-किस का नाम लूं.’

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वीडियो में अनुपम खेर ने आगे कहा, ‘आज तक कोई आयोग नहीं बैठा, कोई जांच नहीं हुई, कोई मुकद्दमा नहीं चला, कोई दोषी नहीं पाया गया, किसी को सजा नहीं हुई, लेकिन हां मुद्दा जरूर उछाला गया. बहस में हमारी आड़ जरूर ली गई लेकिन इन जिहादियों के लिए आधी रात को खुलने वाली अदालतों ने हमें सुनने से भी मना कर दिया. कश्मीर फाइल्स एक फिल्म से भी बढ़कर आप सबकी अंतर्रात्मा की अदालत में हम कश्मीर हिंदू की एक दस्तक है. मैं अनुपम खेर नहीं हूं, मैं अब बोशकर नाथ हूं, और आप सब तक पहुंचने के लिए झटपटा रहा हूं, मुझसे मिलिए, कश्मीर फाइल्स में.’

बता दें, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1990  में कश्मीर से कुछ लोगों ने हिंदू कश्मीरी पंडितों को भगाया था. इस फिल्म को देखने के बाद कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिनमें लोग फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्रि को धन्यवाद कह रहे हैं तो कोई उन्हें गले लगकर रो रहा है. 

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