सावन के महीने की शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) का पर्व मनाया जाता है. इसे कुछ जगह छोटी तीज भी कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा (Puja) की जाती है. हरियाली तीज में सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन लोकगीत गाने की प्रथा अधिक पुरानी है. इस पर्व के मौके पर लड़कियां और महिलाएं लोकगीत गाकर पूरे वातावरण को सकारात्मक करती हैं.

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हरियाली तीज पर लोकगीत गाने और झूला झूलने का विशेष महत्व है. इस दिन तरह-तरह के लोकगीत गाए जाते हैं. हरियाली तीज के दिन महिलाएं ‘सावन में झूला झूल रहे, राधे संग कुंज बिहारी’ लोकगीत को अधिक सुनती है और यह लोकगीत बहुत फेमस है. यहां हम आपको बताएंगे ‘सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी’ लोकगीत के हिंदी लिरिक्स (Sawan Me Jhula Jhul Rahe Lyrics In Hindi).

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‘सावन में झूला झूल रहे’ के हिंदी लिरिक्स (Sawan Me Jhula Jhul Rahe Lyrics In Hindi)

सावन में झूला झूल रहे,

राधे संग कुंज बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी,

राधे संग रसिक बिहारी,

राधे संग नित्य बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी.

मोर मुकुट कानन में कुंडल,

रूप निहारत सब बृज मंडल,

कर दर्शन सुध बुध भूल रहे,

राधे संग कुंज बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी.

बांकी झांकी है प्यारी,

प्यारे नंद लाल की,

मीरा दीवानी हो गई,

गिरधर गोपाल की.

खडो मनसुखा लेकर सोटा,

सखिया दे रही लंबे झोटा,

और बादल काले झूल रहे,

राधे संग कुंज बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी.

कुक रही है कोयल काली,

लता पता छाई हरियाली,

महक कदम संग फूल रहे,

राधे संग कुंज बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी.

प्रेमी ब्रज लागे मनभावन,

रिमझिम रिमझिम बरसे सावन,

बर कालिंदी संग झूल रहे,

राधे संग कुंज बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी.

सावन में झूला झूल रहे,

राधे संग कुंज बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी,

राधे संग रसिक बिहारी,

राधे संग नित्य बिहारी,

सावन में झूला झूल रहें,

राधे संग कुंज बिहारी.