IPC Section 477A in Hindi: आईपीसी की धारा 477A के मुताबिक, जो कोई लिपिक, ऑफिसर या सेवक होते हुए या लिपिक, ऑफिसर या सेवक के नाते नियोजित होते या कार्य करते हुए किसी पुस्तक, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, कागज, लेख, मूल्यवान प्रतिभूति या लेखा में जानबूझकर और कपट करने के आशय से कोई मिथ्या प्रविष्टि करेगा या करने के लिए दुष्प्रेरण करेगा या उसमें से या उसमें किसी तात्विक विशिष्टि (IPC Section 477A in Hindi) का लोप या परिवर्तन करेगा या करने का दुष्प्रेरण करेगा वो दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जाएगा.

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आईपीसी की धारा 477A का स्पष्टीकरण (IPC Section 477A)

इस धारा के अधीन किसी आरोप में, किसी विशिष्ट व्यक्ति का, जिससे कपट करना आशयित था, नाम बताए बिना या किसी विशिष्ट धनराशि का, जिसके विषय में कपट किया जाना आशयित था या किसी विशिष्ट दिन का, जिस दिन अपराध किया गया था, विनिर्देश किए बिना, कपट करने के साधारण आशय का अभिकथन पर्याप्त होगा.

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सजा के बारे में जानें

7 साल के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों. ये अपराध एक जमानतीय और गैर-संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है. प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है.

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जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 477A के अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते हैं वे अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय अपराध की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत मिल सकती है.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई द्वारा 26 फरवरी 2023 को आईपीसी की धारा 120B और 477A के तहत कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया.