Career In Counseling: अगर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या परिचित को उसके एकेडमिक, करियर या पर्सनल लाइफ को लेकर सलाह देते हैं तो आपके अंदर वो स्किल है कि आप एक काउंसल बन सकते हैं. अगर आपके अंदर अच्छा बोलने और किसी को समझाने का स्किल है तो भी आप काउंसलर के तौर पर करियर जमा सकते हैं. बशर्ते जिस व्यक्ति को आप समझा रहे हैं वो आपकी बातों को समझ सके, अगर वो समझ जाता है तो आप काउंसर बनने योग्य हैं. बस आपके अंदर वो कॉन्फिडेंस खत्म नहीं होना चाहिए, चलिए आपको इसकी डिटेल देते हैं.

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काउंसलर बनने के लिए अपने अंदर रखें ये क्वालिटीज

अगर आपके पास 12वीं के बाद सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, बैचलर या मास्टर डिग्री कोर्सेस कर लिया है. तो आप इस पोस्ट के लिए योग्य हो और आप दूसरे लोगों को उनके करियर या दूसरे क्षेत्र के लिए समझा सकते हैं या तैयार कर सकते हैं.

भारत में काउंसलिंग के एकेडमिक कोर्सेस (Academic Courses of Counselor in India)

PHD- काउंसलिंग या काउंसलिंग साइकोलॉजी.

PG Dimploma- काउंसलिंग साइकोलॉजी/गाइडेंस एंड काउंसलिंग/साइकोलॉजिकल काउंसलिंग.

M.phill- गाइडेंस एंड काउंसलिंग

MSC- साइकोलॉजिकल काउंसलिंग/काउंसलिंग एंड साइकोथेरेपी

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M.Ed- गाइडेंस साइकोलॉजी

MA/MSC- साइकोलॉजी/एप्लाइड साइकोलॉजी/काउंसलिंग साइकोलॉजी

BA/BSC- साइकोलॉजी/एप्लाइड साइकोलॉजी

Diploma- एजुकेशनल काउंसलिंग

Certificate- काउंसलिंग

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कितने प्रकार के होते हैं काउंसलर (Kind of Counselor)

करियर काउंसलर: अगर आप ये बनते हो तो स्टूडेंट्स, फ्रेशर्स और दूसरे प्रोफेशन के लोग जो करियर में कंफ्यूज हैं वो आपके पास सलाह के लिए आ सकते हैं.

मैरिड एंड फैमिली काउंसलर: किसी की शादी या परिवार में किसी से नहीं बन रही हो और उस रिश्ते को वो लोग ठीक करना चाहते हैं तो इन काउंसलर की जरूरत पड़ती है.

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हेल्थ काउंसलर: अगर आप किसी बीमारी के बारे में जानना चाहते हैं और किन्हीं बातों को आप डॉक्टर से शेयर नहीं कर सकते तो हेल्थ काउंसर उनकी मदद करते हैं.

मेंटल हेल्थ काउंसलर: कोई अगर मानसिक रूप से बीमार है. मन अस्थिर है जिसमें सुसाइडल टेंडेंसी जैसी चीजें दिमाग में आ रही हैं तो आपको इन काउंसलर के पास जाना चाहिए.