किसी भी देश के विकास (country’s development)
में साक्षरता (Literacy) का बहुत अधिक योगदान होता है. देश का
विकास  नागरिकों(Citizens)  की साक्षरता पर निर्भर करता है, जिस देश के
नागरिक अधिक साक्षर होंगे उस देश का विकास उतनी ही तेजी से होगा. लेकिन आज भी
आबादी का एक हिस्सा ऐसा है जो शिक्षा से वंचित है. साक्षरता दिवस (Literacy Day)  की शुरुआत पहली बार साल 1966 से हुई थी. तब से
हर साल शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए आबादी के उस हिस्से को जो शिक्षा से वंचित
है को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस
(International Literacy Day) मनाया जाता है. शिक्षा के प्रति
जागरूकता लाने के लिए भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में साक्षरता दिवस मनाया
जाता है. सर्व शिक्षा अभियान के जरिए भारत ने  साक्षरता की दिशा में सराहनीय  कार्य किया है. आइए जानते हैं साक्षरता दिवस की शुरुआत
कब और कैसे हुई.

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International Literacy Day

क्या
है साक्षरता का मतलब:-

इस
दिन के बारे में जानने से पहले हमें पता होना चहिए की साक्षरता का क्या मतलब होता
है. साक्षरता शब्द ‘साक्षर’ से बना है. जिसका अर्थ होता है पढने-लिखने में सक्षम. दुनियाभर
के देश अपने-अपने देश के नागरिकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए साक्षरता
दिवस मनाते हैं.

International Literacy Day

कब
हुई साक्षरता दिवस की शुरुआत:

दुनियाभर
में हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है. पहली बार साल
1966 में साक्षरता दिवस मनाया गया था तब से हर साल इसे मनाने का चलन शुरू हो गया.
पता हो कि यूनेस्को ने 7 नवंबर
1965 को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया था. उसके
बाद से हर साल 8 सितंबर 1966 से विश्व
साक्षरता दिवस मनाया जाने लगा.

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क्या
है इस साल की थीम:- साक्षरता दिवस की हर साल एक निर्धारित थीम होती है. बीते साल
2021 में “मानव-केन्द्रित पुन: प्राप्ति के लिए साक्षरता डिजिटल विभाजन को कम करना”
विषय पर थी. इस साल साक्षरता दिवस 2022 की थीम “ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग
स्पेस”
(Transforming Literacy Learning Spaces)  है. इस थीम का अर्थ है सीखने की जगहों में बदलाव,
मतलब साक्षरता को केवल क्लासरूम तक सिमित नहीं करना हैं बल्कि इसके दायरे को बढ़ाना
है.

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जाने
क्या है भारत में साक्षरता का आंकड़ा:-

भारत में सक्षरता दर की बात करें तो
यहां साक्षरता दर 84% से भी कम है. बता दें कि साल 2011 में भारत की कुल साक्षरता दर
74.4% थी जिसमें पुरुष साक्षरता दर 82.37% थी और महिला साक्षरता दर 65.79% थी. इसे
देखा जा सकता है की दोनों वर्गों में कितना अंतर था. पता हो कि देश में सबसे अधिक
साक्षरता वाला राज्य केरल है, और सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार
है. उत्तर प्रदेश इस लिस्ट में पांचवे नंबर पर आता है.