केंद्रीय विद्यालय (Central School) में अब केवल सांसद ही अपने कोटे से दाखिला दिलवा सकते हैं बाकी सभी कोटे को खत्म कर दिया गया है. अब नेता या मंत्री की सिफारिश पर एडमिशन नहीं हो पाएगा. केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा मंत्रालय का कोटा खत्म करने का फैसला किया है. इसका मतलब ये है कि अब शिक्षा मंत्री केवल अपने सांसद कोटे से ही दाखिला के लिए पैरवी कर सकेंगे. उनके पास भी अब 10 एडमिशन कराने का अधिकार बचा है.

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समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन में सांसदों के अलावा बाकी सब कोटा खत्म करने का फैसला किया है. इस फैसले की जानकारी सांसदों को दी जा रही है ताकि वह 10 बच्चों के अलावा और किसी एडमिशन के लिए शिक्षा मंत्रालय में सिफारिश ना भेजें.

लोकसभा के सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र में आने वाले केंद्रीय विद्यालयों में अधिकतम 10 बच्चों के एडमिशन की सिफारिश कर सकते हैं. इस तरह से राज्यसभा सांसद भी अपने राज्य के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में अधिकतम 10 बच्चों का एडमिशन करा सकते हैं.

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पहले सांसदों का यह कोट छह एडमिशन का ही होता था जिसे 2016-17 में बढ़ाकर 10 कर दिया गया. इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मत्री 450 एडमिशन की सिफारिश कर सकते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा.

पहले शिक्षा मंत्रालय में स्थानीय नेता एडमिशन के लिए सिफारिश करते थे. लेकिन अब उनकी सिफारिश पर केंद्रीय विद्यालय में दाखिला नहीं दिया जा सकेगा.

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