देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है. लोगों को इसका डर सता रहा है. हालांकि, सरकार तेल की कीमतों में कितना इजाफा करेगी ये अब तक तय नहीं किया गया है. दरअसल, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत में सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. ये 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि, तेल की कीमतों में अब तक सबसे अधिक बढ़ोतरी की जा सकती है. वहीं, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी तेल की कीमतों को लेकर बयान दिया है.

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बता दें, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तीन महीने से अधिक समय से किसी तरह की बढ़ोतरी की गई है. जबकि इससे पहले रोजाना पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही थी. लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक आते-आते तेल की कीमतों में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गई. साफ है कि सरकार चुनाव के दौरान महंगाई पर लगाम लगाना चाहती थी. लेकिन अब चुनाव खत्म हो गए है और रिजल्ट का इंतजार है. ऐसे में सभी को डर सता रहा है कि चुनाव खत्म होते ही तेल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी की जाएगी.

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वहीं, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बड़ा बयान देते हुए कहा, हम तेल की कमी नहीं होने देंगे. ये भी तो ध्यान रखिए कि दुनिया में हालात क्या हैं? रूस और यूक्रेन में जंग चल रही है. तेल की कीमत इंटरनेशल स्थितियों पर निर्भर करती है. हम अपने नागरिकों के हितों जो अच्छा होगा वह फैसला लेंगे.

हरदीप पुरी ने सफाई देते हुए कहा, ”यह कहना कि चुनाव के कारण हमने कीमतें नहीं बढ़ाई थी. यह कहना ग़लत होगा. तेल की कीमतों को लेकर कंपनियों को तय करना है क्योंकि उन्हें भी बाज़ार में बने रहना है. तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के अनुसार तय होती है.”

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हरदीप पुरी के इस बयान से साफ है कि, तेल की कीमतों में निश्चित ही बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि तेल कंपनियां काफी समय से इसे स्थिर बनाए रखे हैं. लेकिन उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. जिसकी भरपाई दाम बढ़ने के बाद ही हो सकती है.

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बढ़ने को लेकर ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, एक हमारे युवा नेता हैं, वे कहते हैं कि जल्द ही अपनी टंकी भरवा लीजिए. चुनाव ख़त्म हो गए हैं.

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गौरतलब है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात के जरिये पूरा करता है. तेल की कीमतों में इस साल पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी है और कमजोर रुपया देश के लिए और परेशानी बढ़ रहा है. विशेषज्ञों की माने तो ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जरूरत है.