नौकरी पेशा वालों को संस्थान की ओर से ग्रेच्युटी (Gratuity) का लाभ दिया जाता है. सरकारी नौकरी करने वालों को तो रिटायरमेंट (Retirement) के वक्त गैच्युटी का लाभ मिलता है. ये उनके लिए बड़ी पूंजी होती है. हालांकि, प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए भी ग्रेच्युटी का प्रावधान होता है. चूकि, प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले लोग नौकरी चेंज करते रहते हैं, यानी वह साल-दो साल में ही नौकरी के लिए कंपनी चेंज करते हैं.ऐसे में उन्हें ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिल पाता है. वहीं, गेच्युटी के लाभ के बारे में कई कर्मचारियों को ज्यादा जानकारी भी नहीं होती है. ग्रेच्युटी को लेकर लोगों के पास कई सवाल होते हैं. जिससे जानना जरूरी भी है.

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What is Gratuity

सबसे पहले कर्मचारियों को जानना चाहिए की ग्रेच्युटी है क्या? ये भी जानना जरूरी है कि, प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी कब मिलती है.

आपको बता दें, ग्रेच्युटी कंपनी की ओर से कर्मचारियों को दी जाती है. कोई कंपनी कर्मचारियों के लगातार सर्विस के बदले ग्रेच्युटी के रूप में आभार जताती है. नियम के मुताबिक, 10 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी और दुकानों पर भी काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है. ग्रेच्युटी के लिए नियम बना है.

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नियम के मुताबिक, किसी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी पाने के लिए पात्र माना जाता है. हालांकि, कुछ मामले ऐसे भी है जिनमें 5 साल से कम सर्विस पर भी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है. Gratuity Act के तहत सेक्शन-2A में साफतौर पर कहा गया है कि, 5 साल से कम समय तक भी काम करने पर ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकता है.

इस नियम के मुताबिक, अगर भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारी अगर कंपनी के सात लगातार 4 साल 190 दिन तक काम करते हैं, तो वह ग्रेच्युटी पाने के हकदार होते हैं. वहीं, दूसरे संस्थानों में कर्मचारी अगर 4 साल 8 महीने काम लगातार करता है तो उसे ग्रेच्युटी पाने का हक होता है. ऐसा भी कहा गया है कि, नोटिस पीरियड भी लगातार सर्विस में गिणती की जाती है. यानी नोटिस पीरियड का समय भी ग्रेच्युटी में जोड़ा जाएगा.

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Gratuity Calculation

ग्रेच्युटी कैलकुलेशन कुछ लोगों के लिए जटिल प्रक्रिया लगती है. वह अपने ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन नहीं कर पाते हैं. हालांकि, इसका एक फॉर्मूला होता है जिससे ग्रेच्युटी की गणना की जाती है.

ग्रेच्युटी का फॉर्मूला- अंतिम सैलरीX15/26X कंपनी में काम करने का समय= ग्रेच्युटी की कुल रकम

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अंतिम सैलरी में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता यानी DA को माना जाता है. ऐसे में अगर आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता 20,000 रुपये है और आपने 5 साल कंपनी में काम किया है तो 20000X15/26X5= 57,692 रुपये.