Red Radish Farming In Hindi: हमारे खानपान में सलाद का बहुत ही विशेष महत्व है. उसमे भी अगर हम मूली की बात करें, तो उसे सलाद की जान माना जाता है. आमतौर पर सफेद मूली का स्वाद हम सभी ने चखा होगा, लेकिन अगर हम लाल मूली के सेवन की बात करें. तो बहुत कम लोग होंगे. जिन्होंने लाल मूली खाई होगी और उसमें भी बहुत से लोग तो ऐसे होंगे जिन्होंने खाना तो छोड़िए, लाल मूली देखी भी नहीं होगी. आपको बता दें कि सामान्य मूली के मुकाबले इस मूली में एंटीऑक्सीडेंट्स ज्यादा पाए जाते हैं और यह सफेद मूली से अधिक रेट में भी बिकती है. तो चलिए जानते हैं, लाल मूली के फायदों और उसकी खेती के बारे में विस्तार से.

यह भी पढ़ें: Sharifa Farming: सालाना 7 लाख तक होगी बढ़िया कमाई, जल्द शुरू करें शरीफा की खेती

लाल मूली की खेती ठंड के महीने में की जाती है. दिसंबर से लेकर फरवरी तक का समय इस खेती के लिए काफी अच्छा माना जाता है. लाल मूली की खेती के लिए दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना गया है. इसके अलावा लाल मूली की खेती बलुई मिट्टी में भी की जा सकती है. गौरतलब है कि इस खेती के लिए भूमि का पीएच मान 5 से 7.5 होना जरूरी है. आपको बता दें कि लाल मूली की जड़ें गहरे लाल रंग की होती हैं और इसके पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं. बुवाई के बाद इस फसल को तैयार होने में 20-40 दिन का वक्त लगता है. प्रति एकड़ इसकी उपज करीब 54 क्विंटल तक हो सकती है. अगर उन्नत किस्म के बीज और बेहतर तरीके से लाल मूली की खेती की जाए, तो कम लागत में अच्छी खासी रकम कमाई जा सकती है.

यह भी पढ़ें: Black Wheat Cultivation: काले गेहूं की खेती से होगी मोटी कमाई, जानें कैसे करें

सफेद मूली की तुलना में लाल मूली अधिक महंगे दामों पर बिकती है. अभी तक इसकी खपत सिर्फ शहरों तक ही सीमित हुआ करती थी. लेकिन सोशल मीडिया के दौर में अब छोटे शहरों और कस्बों में भी उसकी बागवानी होना शुरू हो गई है. कोई भी व्यक्ति जो इस खेती में दिलचस्पी रखता है, वह मूली के उन्नत बीज ऑनलाइन ऑर्डर कर के मंगवा सकता है. भारत में लाल मूली की पूसा मृदुला किस्म भी ईजाद की गई है. कम लागत में 20 से 40 दिन में 135 क्विंटल तक पैदावार होने वाली यह फसल आपकी कमाई का बंपर जरिया बन सकती है.