रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मौद्रिक नीति समीक्षा के फैसलों को जारी किया है. आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने इस दौरान एटीएम (ATM) से जुड़ी बड़ी सुविधा का ऐलान किया है. केंद्रीय बैंक ने देश के सभी बैंकों के एटीएम में कार्डलैस कैश विड्रॉल फैसिलिटी का प्रस्ताव रखा है. इसके पीछे डेबिट-एटीएम कार्ड के इस्तेमाल को कम करने और डिजिटल इकोनॉमी को आगे बढ़ाने का विचार प्रमुख है.

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शक्तिकांत दास ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के दौरान लिए गए फैसलों के बाद कहा कि ये कार्डलैस कैश विड्रॉल की सुविधा यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई के जरिए दी जाएगी. फिलहाल देश में कुछ सीमित संख्या में ही एटीएम और बैंक कार्डलैस कैश विड्रॉल की सुविधा दे रहे हैं, वो भी हरेक बैंक पर अलग-अलग निर्भर करता है.

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आरबीआई गर्वनर ने कहा, मौजूदा समय में कार्डलैस कैश विड्रॉल की सुविधा केवल कुछ बैंकों तक ही सीमित है. आरबीआई प्रस्ताव रखता है कि इसे देश के सभी बैंकों और एटीएम में उपलब्ध कराया जाए और इसके लिए यूपीआई मोड का इस्तेमाल किया जाए.

कार्डलैस कैश विड्रॉल जैसा कि नाम से ही समझ सकते हैं कि बिना एटीएम या डेबिट कार्ड के यूज के एटीएम से कैश निकालने की सुविधा देता है. ये फीचर मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान लाया गया था जब कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए टचलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की कवायद चल रही थी.

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यूपीआई के जरिए पैसा निकालना ना केवल कार्डलैस कैश विड्रॉल को स्टैंडर्ड रूप देगा, वहीं ये कार्ड की क्लोनिंग और मिलते-जुलते स्कैम को कम करने का भी काम करेगा. आरबीआई गवर्नर ने भी इस बात की और ध्यान दिलाते हुए कहा कि ट्रांजेक्शन्स को आसान बनाने के साथ ये कार्ड की क्लोनिंग, स्किमिंग जैसे फ्रॉड को रोकने का भी काम करेगा. इसके जरिए साफ है कि यूपीआई का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करने के साथ ये कोशिश है कि कार्डलैस इकोनमी की ओर बढ़ा जाए, हालांकि इसके लिए अभी समय लगेगा.

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