केंद्र सरकार ने काफी पहले ही बैंक प्राइवेटाइजेशन (Bank Privatization) का फैसला कर लिया था. अब इस बारे में अब नया अपडेट सामने आ रहा है. केंद्र सरकार लगातार बैकिंग व्यवस्थाओं में बदलाव कर रही है जिसमें प्राइवेटाइजेशन एक बड़ा कदम है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में ही Bank Privatization का ऐलान किया था. अब रिपोर्ट आ रही है कि 16 दिसंबर तक इसका पूरा प्रोसेस कर लिया जाएगा.

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केंद्र सरकार ने IDBI बैंक को निजी क्षेत्र में करने का प्लान बनाया है. वहीं, SEBI से इसके लिए कुछ रियायतें मांगी गई है. मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि, केंद्र सरकार ने SEBI से मांग की है कि IDBI बैंक की 25 प्रतिशत पब्लिश शेयर होल्डिंग के नियम से मिली छूट को इसके निजीकरण के बाद भी जारी रखा जाए.

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खबर है कि 16 दिसंबर तक सरकार IDBI बैंक की बिड को पूरे करने की योजना बना रही है. अगर SEBI सरकार और LIC को पब्लिक शेयर होल्डर मान लेने की इजाजत दे देती है तो मिनिमम पब्लिश शेयरहोल्डिंग के नियमों का पालन हो जाएगा.

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SEBI के मुताबिक, स्टॉक मार्केट में जितनी भी कंपनियां लिस्ट हैं सभी के लिए लिस्टिंग के 3 साल के अंदर ही मिनिमम 25 फीसदी शेयरहोल्डिंग जरूरी है. फिलहाल सेबी के इस नियम से सरकारी कंपनियों को छूट मिली हुई है.

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आपको बता दें, IDBI बैंक में सरकार और LIC दोनों की मिलाकर 95 प्रतिशत हिस्सेदारी है.