प्राइवेट हो या सरकारी दोनों ही कर्मचारियों के पास प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट होते हैं. लेकिन अब उनके लिए एक काम की खबर है. अब EPF के नियम में एक बड़ा बदलाव हुआ है. हालांकि, ये नियम उन खाताधारकों के लिए है. जिनका योगदान PF में एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक का है. अब नए नियम के तहत ऐसे खाताधारकों को दो अलग-अलग पीएफ अकाउंट मेंटेंन करने होंगे.

यह भी पढ़ेंः अब आपको दूसरे राज्य में ट्रांसफर नहीं करानी होगी अपनी गाड़ी, जान लें सरकार के नए नियम

आपको बता दें, साल 2021-22 के बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपए से अधिक के ईपीएफ योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने की बात कही थी. इसके लिए गणना में नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले अंशदान को शामिल नहीं किया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जिन लोगों का EPF और VPF में सालाना कंट्रीब्‍यूशन 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा है, उन्हें इस पर मिलने वाला ब्‍याज टैक्‍स के दायरे में आएगा.

यह भी पढ़ेंः ट्रेन टिकट कैंसिल करने पर रिफंड के लिए नहीं करना होगा इंतजार, IRCTC की खास सर्विस

ऐसे ही खाताधारकों को दो अलग-अलग ईपीएफ अकाउंट मेंटेंन करना होगा। इसी आधार पर ही टैक्स की गणना की जाएगी. इस संबंध में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है

सीबीडीटी के नोटिफिकेशन के मुताबिक, नया नियम वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगा. ऐसे में वर्तमान में टैक्स भरने वाले न घबराएं. क्योंकि ये 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा. बता दें, 31 मार्च, 2021 तक पीएफ अकाउंट में किया गयाय योगदान टैक्स फ्री है. साथ ही जिनका पीएफ में योगदान 2.5 लाख से कम है उन पर इस नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा.

यह भी पढ़ेंः अगर आप काट रहे हैं 50 हजार से ज्यादा का चेक तो जान लें RBI के नियम

फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के बाद पीएफ अकाउंट्स पर ब्‍याज की कैलकुलेशन अलग-अलग की जाएगी. फाइनेंशियल ईयर 2021-22 और उसके बाद के फाइनेंशियल ईयर लिए प्रॉविडेंट फंड के भीतर अलग-अलग अकाउंट होंगे.

यह भी पढ़ेंः LPG सिलेंडर की सब्सिडी किसको मिलेगी? सरकार ने दिया जवाब