टर्म इंश्योरेंस (term insurance) प्लान एक तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी है, जो जीवन की अनिश्चितताओं के खिलाफ विस्तृत आर्थिक सुरक्षा पेश करता है. यदि इंश्योरेंस पॉलिसी अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. तो नामित व्यक्ति को मृत्यु लाभ के रूप में एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है.
अधिकतर लोग अनिश्चताओं का सामना करने के लिए लोग टर्म इंश्योरेंस की सहायता लेते है. टर्म इंश्योरेंस भी लोगों के लिए अधिक मदगार होता है. बच्चों की शिक्षा, घर खरीदना और बच्चों की शादी जैसी सभी जिम्मेदारियां टर्म प्लान से पूरी हो सकती हैं. अगर आप टर्म इंश्योरेंस लेने की योजना बना रहे हैं तो इन बातों का ख्याल रखें.
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1.टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले कवर की राशि को चुनना अधिक महत्वपूर्ण कार्य होता है. यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसको कितने न्यूनतम कवर की जरूरत है. थंब रूल के हिसाब से नौकरीपेशा लोगों को अपनी एक वर्ष की इनकम से 10 गुना कवर लेना चाहिए.
2.अगर आप टर्म इंश्योरेंस के बारे में सोच रहे है. तो उससे पहले आप विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों के टर्म प्लान्स के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर ले. इसके बाद ही उस प्लान को चुनें जो सबसे कम प्रीमियम पर सबसे अधिक कवरेज देता हो.
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3.टर्म प्लान लेने से पहले इस बात की भी गणना कर लें कि आप पर आश्रितों के लिए कितने कवरेज की जरूरत है. टर्म इंश्योरेंस कवरेज आपकी सालाना इनकम और देनदारियों का 10-20 गुना होता है. अगर आपकी एक वर्ष की इनकम 5 लाख रुपये है और 20 लाख का कर्ज है तो ऐसे में में आप 1 करोड़ के इंश्योरेंस कवर के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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4.टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले इस बारे में भी सोच ले कि आप कितने समय तक कार्य कर सकते हैं. जो टर्म इंश्योरेंस आप लेते है वो आपके कार्य करने वाले वर्ष को कवर करने वाला ही होना चाहिए. ऐसा इसलिए होता है कि उसके बाद आपके पास कोई इनकम नहीं होगी। ऐसे में अगर आप 25 साल के हैं और 60 की उम्र तक कार्य कर सकते है तो आपको अपनी आय को कवर कराने के लिए 35 वर्ष के टेनर या अवधि के लिए आवेदन करना होगा.
5.टर्म प्लान करने के बाद भी संभावना रहती है कि पॉलिसी धारक किसी हादसे की वजह से विकलांगता का शिकार हो जाए या फिर वो अपनी सुनने की शक्ति खो दे. ऐसी स्थिती में वित्तीय सुरक्षा के लिए राइडर भी लेना चाहिए. इसके लिए आपको अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करना होता है.
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