Indian Railway Rules In Hindi: देश की एक बड़ी आबादी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए ट्रेन (Train) का सहारा लेती है. क्योंकि इसमें किराया भी दूसरे संसाधनों की तुलना में कम होता है और इसके साथ और भी तमाम सुविधाएं (Indian Railway Services) मिलती है. भारतीय रेलवे यात्री के बजट के मुताबिक बर्थ समेत अलग-अलग प्रकार की सीटों की पेशकश करता है.

यह भी पढ़ें: Railway ने कैंसिल कर दी है 243 गाड़ियां, सफर से पहले अपने ट्रेन की जानकारी ले लें

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे ने सीटों और बर्थ के लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिनका यात्रियों को पालन करना चाहिए. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बर्थ से जुड़े कुछ नियम के बारे, जिनका सफर के दौरान ध्यान यात्रियों को रखना चाहिए.

रेलवे बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार, आरक्षित डिब्बों में लोग सिर्फ रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही सो सकते हैं. ताकि बाकी सफर के समय अन्य लोग सीटों का प्रयोग कर सकें. वहीं सोने का समय एक घंटे कम कर दिया गया था. इस दौरान परेशानी तब पैदा होती है. जब मिडिल बर्थ के यात्री उठने से इंकार कर देते हैं. तो निचली बर्थ वाले यात्रियों को सही से बैठने को नहीं मिलता है. ऐसे में दिन के वक्त मिडिल बर्थ नहीं खोल सकते हैं.

यह भी पढ़ें: Indian Railways: ट्रेन में सामान चोरी होने पर न हो परेशान, रेलवे देगा मुआवजा!

इसके अलावा ट्रेन में तेज आवाज में सॉन्ग सुनने और फोन पर बात करने पर भी यह नियम लागू होता है. पहले रेलवे बोर्ड को ईयरफोन के बिना सॉन्ग सुनने और नींद के घंटों के समय फोन पर जोर से बात करने के मामलों की शिकायतें मिलीं थी. इसके बाद यह नियम लागू किया गया था.

यह भी पढ़ें: Indian Railway: ट्रेन छूटने पर यात्री को मिलेगा वापस रिफंड, जानें रेलवे का यह नियम

इसके अतिरिक्त कैटरिंग स्टाफ, टीटीई और अन्य रेल कर्मियों को ट्रेनों में सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. रेलवे में सफर करने के वाले यात्रियों को दूसरे यात्री की वजह से किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए ये नियम बनाए गए हैं. ऐसे में यदि कोई यात्री इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसपर कार्रवाई भी की जा सकती है.