यदि आप किसान है और धान (Paddy) की आधुनिक और उन्नत खेती करना चाहते हैं. तो आपको इसकी खेती (Farming) के तरीके के बारे में जानकारी होनी चाहिए. खरीफ की मुख्य फसलों में से एक है धान. इसकी बुवाई की शुरुआत हो चुकी है. खरीफ सीजन की मुख्य फसल (Crop) धान की खेती लगभग पूरे भारत में होती हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में धान के पैदावार में पहले की तुलना में कमी देखी गई है. इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार लगातार किसानों को कई योजनाओं के जरिए प्रोत्साहित करती रहती है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किसान कुछ तरीके अपनाकर धान की फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

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समय-समय पर देते रहे पोषक तत्व

धान की रोपाई करने के बाद आप इसके पोषण पर विशेष ध्यान दें. पोषक तत्व नहीं मिलने पर धान की बालियां कमजोर हो जाती हैं.

आप ध्यान रखें कि फसल को सीमित मात्रा में जिंक और नाइट्रोजन का पोषण मिल रहा है. इससे धान के पौधे का सही तरीके से विकास होगा और साथ ही पैदावार भी बढ़ेगी.

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सिंचाई पर दें खास ध्यान

धान की फसल को पानी की अधिक जरूरत होती हैं. ऐसे में आप इसकी सिंचाई का जरूर ध्यान रखें. अगर फसल को समय-समय पर सिंचाई नहीं मिलती है. तो धान का पौधा कमजोर हो सकता है. लेकिन खेतों से धान की रोपाई के 20 से 25 दिनों के बाद पानी निकाल दें. ऐसा करने से धान की जड़ों को आक्सीजन और धूप सही से मिल पाती है और फसल का विकास बढ़िया से होता है.

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निड़ाई-गुड़ाई अच्छे तरीके से करें

अगर आप धान की खेती कर रहे हैं. तो इससे पहले आप खेतों की निड़ाई-गुड़ाई अच्छे तरीके से करें. फिर इसके बाद फसल को विकास करने का बढ़िया मौका मिलता है. इससे अलावा आप खेतों में खरपतवार जमा नहीं होने दें. वरना फसल उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा खेतों में समय-समय पर बांस की लंबी लकड़ी से पाटा करने की प्रकिया जरूर अपनाएं.

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धान की फसल करने पर समय-समय पर जैविक खाद, एंजाइम या जीवामृत जरूर डालें. इसको डालने से पौधों में बढ़िया तरीकें से वृद्धि होती हैं और जड़ें स्ट्रांग होती हैं. इसके साथ ही पौधों में धान संबंधित बीमारियों से लड़ने की क्षमता पैदा होती हैं और धान का उत्पादन सही होता है.