Fixed Deposit: हाल में कई सारे बैंक अपने FD (Fixed Deposit) की ब्याज दरों को लगातार बढ़ा रहे हैं. करोनो काल में FD पर 6 प्रतिशत ब्याज था जो अब बढ़ कर करीब 8 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. हालांकि, अलग-अलग बैंकों के अलग-अलग FD रेट हैं. माना जा रहा है कि बैंक भविष्य में FD की ब्याज दरों को और भी बढ़ा सकती है.

बैंक एफडी में बढ़ती ब्याज दर का कारण अधिकतर लोग केवल रेपो रेट को मान रहे हैं, लेकिन इसके कुछ और भी कारण है जिस वजह से एफडी पर ब्याज बढ़ाई जा रही है.

चलिए पहले जान लीजिए आरबीआई ने 2022 के मध्य से किस तरह से रेपो रेट को बढ़ाना शुरू किया. मई 2022 में 0.40 प्रतिशत, जून 2022 में 0.50 प्रतिशत, अगस्त 2022 में 0.50 प्रतिशत, सिंतबर 2022 में 0.50 प्रतिशत, दिसंबर 2022 में 0.35 और फरवरी 2023 में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस कारण रेपो रेट जो कि मई 2022 में 4 प्रतिशत था, फरवरी 2023 तक 2.50 प्रतिशत बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गया है.

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डिपॉजिट ग्रोथ और क्रेडिट ग्रोथ में अंतर

आरबीआई की ओर से 2 दिसंबर 2022 को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ सालाना आधार पर 17.45 प्रतिशत थी, जबकि डिपॉजिट ग्रोथ 9.85 प्रतिशत थी. इस तरह देखा जाए तो क्रेडिट ग्रोथ और डिपॉजिट ग्रोथ के बीच ये अंतर 7.6 प्रतिशत का था. वहीं, दिसंबर 2021 में देश में डिपॉजिट ग्रोथ 10.28 प्रतिशत, जबकि क्रेडिट ग्रोथ 9.16 प्रतिशत पर थी. ऐसे में बैंक मौजूदा समय में क्रेडिट ग्रोथ और डिपॉजिट ग्रोथ के अंतर को कम करने के लिए तेजी से ब्याज दर बढ़ा रहे हैं.

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बॉन्ड यील्ड (Bond Yields)

भारतीय बैंक अपनी जमा का एक हिस्सा बॉन्ड्स में निवेश करते हैं. पिछले जुलाई और दिसंबर की अवधि बॉन्ड मार्केट के लिए काफी अच्छी रही और यहां से बैंकों ने एफडी की ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू कर दिया है.