Asafoetida Farming: हींग का प्रयोग पूरे भारत में बड़े पैमाने पर होता है. लेकिन कई लोग हींग की गंध को पसंद नहीं करते हैं. व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए हींग का प्रयोग (Use of Asafoetida) अधिकतर किया जाता है. आयुर्वेदिक औषधियों और खाद्य पदार्थों को बनाने में भी हींग (Asafoetida) का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन भारत में हींग का उत्पादन बहुत कम है, जिसके कारण से अन्य देशों से इसका आयात करना पड़ता है.

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कहां होती है इसकी खेती

हींग के प्रयोग को देखते हुए अब भारत में भी इसकी खेती (Farming) करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य बड़े पैमाने पर हींग की खेती से किसान जुड़े रहे हैं. इसकी खेती के लिए ठंडे वातावरण की आवश्यकत होती है.

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हींग की खेती किस मिट्टी पर करें

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हींग की खेती के लिए मिट्टी के ठेले व चिकनी मिट्टी या फिर रेतीली मिट्टी बढ़िया मानी जाती है. हींग के पौधों को उन जगहों पर लगाएं, जहां पानी का जमाव ना हो. जलजमाव की वजह से इसके पौधे को भारी नुकसान हो सकता है.

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हींग की खेती से कमाई

वैसे कमाई के लिहाज से हींग की खेती किसानों की किस्मत बदल सकती है. मार्किट में 1 किलो हींग 35 से 40 हजार रुपये किलो के हिसाब से बिकती है. अभी बाजार में हींग की खेती करने वाले किसानों की संख्या कम है. तो ऐसे में किसान सरलता से खुद बाजार में स्थापित कर हींग के व्यवसाय से बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.