Palash Flower Cultivation Tips: आज के समय में रासायनिक रंगों की बढ़ती मांग की वजह से पलाश के फूल (Palash Flower) अपनी पहचान खोने लगे हैं. अपनी खूबसूरती के लिए पलाश का फूल पहचाना जाता है. इस फूल (Flower) का खास प्रयोग होली के रंगों को बनाने के लिए भी किया जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में इस फूल की खेती (How to cultivate Palash flower) में तेजी से कमी देखने को मिली है. लेकिन अभी भी किसान इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे पलाश के फूल की खेती से जुड़ी अहम बातें.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पलाश के फूल विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से पहचाना जाता है. इसे किशक, ढाक, परसा, सुपका, फ्लेम ऑफ फोरेस्ट, ब्रह्मवृक्ष और टेसू जैसे शब्दों से जाना जाता है. इस फूल के हर हिस्से से बढ़िया मुनाफा कमाया जा सकता है.

इस तरह करें पलाश की खेती

-अगर किसान चाहें तो छोटे स्तर पर पलाश के पेड़ लगाकर भी 40 वर्ष तक बढ़िया मुनाफा का कमा सकते हैं. इसके साथ में सब्जियों की अंतवर्तीय खेती करके एक्स्ट्रा आमदनी का इंतजाम भी हो जाएगा.

-एक एकड़ में पलाश के 3200 पौधे लगा सकते हैं, जो 3 से 4 वर्ष में फूल देने लग जाते हैं. इसके पौधों को किसी प्रमाणित नर्सरी से भी खरीद सकते हैं.

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-इसकी खेती करने के लिए जमीन को जैविक विधि से तैयार करके रोपाई के समय दो पौधों के बीच 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी रखे.

-इसकी व्यावसायिक खेती करने के लिए रोपाई करने के बाद पौधों की सिंचाई, सही देखभाल और बाकी प्रबंधन कामों में सावधानी बरतनी होती है.

-इसके बाद अगले 4 वर्षों में पलाश के पेड़ का विकास हो जाता है. इस दौरान बागवानी फसलों की खेती करके खाली स्थान में भी बढ़िया मुनाफा कमा सकते है.

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कहां बेचें पलाश के उत्पाद

पलाश के पेड़ से समय-समय पर गोंद, पत्ता, फूल और जड़ों का उत्पादन (Palash Flower Production) मिलता रहता है. इनकी ऑनलाइन मार्किट में अधिक मांग रहती है. इसलिए किसान चाहें तो खुद का जीएसटी नंबर लेकर ऑनलाइन मार्केटिंग भी कर सकते हैं. इसके अतिरक्त मुंबई, जयपुर, दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, कोलकाता, गाज़ियाबाद, भोपाल, लखनऊ, बैंगलोर, नेपाल और रांची की की मंडियों में संपर्क करके भी पलाश के उत्पादों को बेचकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.